राज्य » राजस्थानPosted at: Mar 28 2019 9:08PM आबकारी कार्यालय के दो कर्मी एक लाख रुपये के साथ गिरफ्तार
श्रीगंगानगर, 28 मार्च (वार्ता) राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के एक उच्चस्तरीय दल ने हनुमानगढ़ में जिला आबकारी विभाग कार्यालय पर आज छापा मारकर दो कर्मचारियों को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार करके उनसे एक लाख रुपये से अधिक की संदिग्ध राशि बरामद की।
ब्यूरो के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के समय जिला आबकारी अधिकारी सहदेव रतनू अपने कार्यालय में मौजूद थे। एसीबी की टीम उन्हें भी संदेह के दायरे में लेते हुए कड़ी पूछताछ कर रही है।
सूत्रों के अनुसार एसीबी के उच्चाधिकारियों को दो-तीन दिन से गुप्त सूचनाएं मिल रही थीं कि हनुमानगढ़ में आबकारी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अगले वित्त वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए जिनके नाम शराब ठेकों की लॉटरी निकली है, उनकी दुकानों की स्थान की मंजूरी के आवेदन का निस्तारण करने की एवज में पांच से सात हजार की रिश्वत ले रहे हैं। उच्चाधिकारियों ने इस पर सीकर में एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल प्रसाद को निर्देश दिये।
सूत्रों ने बताया कि उनका दल सुबह ही हनुमानगढ़ टाऊन पहुंच गया और गोपनीय रूप से आबकारी विभाग के कार्यालय के बाहर नजर रखना शुरू कर दिया। दिनभर शराब ठेकों के नये अनुज्ञाधारियों का ठेकों का स्थान मंजूर करवाने के लिए आना-जाना लगा रहा। शाम करीब पांच बजे कार्यालय बंद होने के समय एसीबी के दल ने कार्यालय में दबिश दी और कर्मचारियों से पूछताछ करते हुए उनकी तलाशी लेनी शुरू की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलप्रसाद ने बताया कि इस कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक कुलदीप से 95 हजार और सूचना सहायक कर्मी सीमा मोदी से सात हजार रुपये की संदिग्ध राशि बरामद हुई है1
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में शराब की दुकानों की स्वीकृतशुदा अनुज्ञाधारकों से दुकानों का स्थान पास करने के नाम पर कुलदीप एवं सीमा मोदी प्रत्येक ठेकेदार से पांच हजार रुपये की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कार्यालय की सर्चिंग के दौरान कुलदीप की अलमारी में अलग-अलग ब्रांड की 21 शराब की बोतलें भी मिली हैं। इस सम्बन्ध में एसीबी द्वारा सम्बन्धित थाने में उस पर अवैध रूप से शराब रखने का मामला दर्ज करवाये जाने की सम्भावना है।
श्री उन्होंने बताया कि जब्त की गई राशि के बारे में कुलदीप और सीमा का कहना है कि उन्होंने किसी से दो हजार, किसी से तीन तो किसी से एक हजार रुपये लिये हैं। सीमा के पर्स में अलग से 6300 रुपये मिले, जोकि उसने अपनी निजी राशि बताया। कुलदीप से बरामद 95 हजार और सीमा सात हजार रुपये के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। उन्होंने कहा कि जिला आबकारी अधिकारी से भी इस बारे में कड़ी पूछताछ की जा रही है। रिश्वतखोरी में उनकी लिप्तता पाई गई तो उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।