जयपुर 03 जून (वार्ता) राजस्थान में कांग्रेस विधायक हरीश चंद्र मीणा एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक गोपीचंद मीणा का टोंक जिले में एक ट्रैक्टर चालक की कथित हत्या मामले में अनशन आज तीसरे दिन भी जारी रहा।
श्री मीणा ने इस मामले में टोंक जिले के नगरफोर्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर पांच सूत्रीय मांगों को लेकर गत 29 मई को धरना शुरु कर दिया था। धरने के तीन दिन बाद भी उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर एक जून से दोनों विधायकों ने अनशन शुरु कर दिया।
अनशन के दौरान श्री मीणा को कमजोरी महसूस होने पर सोमवार को धरनास्थल पर ही उनकी चिकित्सा जांच की गई और उन्हें ड्रीप चढाई गई। श्री हरीश चंद्र मीणा ने मीडिया से कहा कि एक गरीब की हत्या हुई हैं और सरकार मानने को तैयार नहीं है और पुलिस इसे दुर्घटना बता रही है, लेकिन वह क्षेत्र के विधायक होने, मानवता, अपराध के खिलाफ एवं न्याय को लेकर आंदोलन कर रहे है और न्याय मिलने तक उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े, वह शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखेंगे।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर उनकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से भी बात हुई लेकिन अभी तक नतीजा कुछ नहीं निकला। पुलिस पर सवाल उठाने के प्रश्न पर पुलिस महानिदेशक रह चुके श्री मीणा ने कहा कि उनके पुलिस महानिदेशक रहते भरतपुर जिले में गोपालगढ़ फायरिंग मामला हुआ, उसमें पुलिस अधीक्षक को निलम्बित कर दिया गया था लेकिन इस मामले में तो अब तक एक थानेदार को ही निलम्बित नहीं किया गया।
अब तक किसी मांग पर सरकार के साथ कोई सहमति बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार का कोई प्रतिनिधि जयपुर से आये और सबके सामने बोले। लेकिन अभी तक कुछ नहीं बोला गया है।
इस मामले में दोनों विधायकों का भाजपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता भी समर्थन कर रहे है। भाजपा के सांसद सुखवीर सिंह जौनपुरिया, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी तथा अन्य पार्टी नेता एवं पदाधिकारी धरनास्थल पर आ चुके है। माकपा के भादरा विधायक बलवान पूनिया भी आज अनशन स्थल पर पहुंचे। इसी तरह बसपा विधायक लाखन सिंह मीणा ने भी अनशन कर रहे विधायकों की मांग को वाजिब बताते हुए कहा कि बसपा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ है।
उधर इस मामले में खाद्यमंत्री रमेश मीणा को अनशन कर रहे विधायकों से बात कर इसे सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मामले में की जा रही पांच सूत्री मांगों में पुलिस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने, मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी, पच्चीस लाख रुपए का मुआवजा, मामले की जांच सीआईडी सीबी से कराना आदि शामिल है।
उल्लेखनीय है कि टोंक जिले के उनियारा उपखंड के बोसरिया गांव के पास 28 मई देर रात ट्रैक्टर चालक भजनलाल मीणा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस के मारपीट करने से भजनलाल की मौत हुई।