नयी दिल्ली 21 अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा है कि केंद्र और राज्यों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण की प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ाने के लिए भूमि अभिलेखों तक निर्बाध पहुंच महत्वपूर्ण है।
श्री चौहान ने सोमवार को यहां शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण-पुनः सर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने की केंद्र सरकार की संकल्पना को सभी अंगों के सम्मिलित प्रयासों से ही साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सही और सटीक भूमि अभिलेखों का एकत्रीकरण देश के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि शहरी विकास के लिए व्यवस्थित और प्रामाणिक भू-लेख की जरूरत है। इसलिए ये काम बहुत महत्वपूर्ण है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी सही लाभार्थियों को मिले, यह सुनिश्चित करने में भी इसकी बड़ी भूमिका है।
इसलिए सरकार ने 2016 में डिजिटल इंडिया भू अभिलेख आधुनिकीकरण प्रोग्राम लागू किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के ठोस प्रयास से 6.26 लाख भू-लेख का कंप्यूटरीकरण, 223 लाख मानचित्रों का डिजिटलीकरण और पांच हजार से अधिक उप पंजीयक कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण हो गया है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर या एग्रीस्टैक शुरु किया है।
उन्होेंने कहा कि प्रभावी शहरी नियोजन, भूमि प्रबंधन और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए भूमि, उसके स्वामित्व और उपयोग के बारे में स्पष्ट डेटा की आवश्यकता होती है। एक सुदृढ़ संपत्ति रिकॉर्ड और कर प्रशासन के लिए भूमि का सटीक डेटाबेस होना चाहिए।
सत्या, उप्रेती
वार्ता