राज्य » अन्य राज्यPosted at: Feb 17 2021 8:27PM उत्तराखंड से भी कैलाश मानसरोवर यात्रा का निर्बाध संचालन हो : बलूनी
नैनीताल, 17 फरवरी (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख एवं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने केन्द्र सरकार से देश के अन्य राज्यों की तरह उत्तराखंड के लिपूलेख से भी निर्बाध और निरंतर रूप से कैलाश मानसरोवर यात्रा के संचालन की मांग की है।
श्री बलूनी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में बुधवार को केन्द्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात कर इस प्रस्ताव उनके समक्ष रखा है। श्री बलूनी की ओर से कहा गया कि इससे प्रदेश में पर्यटन को जहां एक ओर बढ़ावा मिलेगा वहीं प्रदेश की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने विदेश मंत्री को बताया कि देश के अनेक हिस्सों से लाखों लोग प्रतिवर्ष कैलाश के दर्शन को जाते हैं। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के लिपूलेख दर्रे के रास्ते अभी तक सीमित संख्या में ही श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा पाते हैं। इस रास्ते से प्रति वर्ष मात्र 1100 श्रद्धालु ही कैलाश के दर्शन को जा पाते हैं। निर्बाध यात्रा शुरू होने से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पिथौरागढ़ की खूबसूरत वादियों से कैलाश के दर्शन को जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ के रास्ते यात्रा शुरू करने के लिये पंतनगर और पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डों को विस्तारित स्परूप दिया जाना आवश्यक है। साथ ही पंतनगर से लिपुलेख तक आलवेदर रोड का निर्माण कर इस पवित्र यात्रा को अधिक सुगम और व्यापक रूप दिया जा सकता हैै जो कि राज्य की आर्थिक स्थिति के लिये मील का पत्थर साबित होगी।
उन्होंने आगे कहा कि आलवेदर रोड के निर्माण और हवाई अड्डों के विस्तार के लिये वे जल्द ही केन्द्रीय उड्डयन मंत्री हरिदीप पुरी तथा केन्द्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात करेंगे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के लिपूलेख के रास्ते नब्बे के दशक से कैलाश मानसरोवर यात्रा संचालित की जा रही है। प्रतिवर्ष एक जून से प्रारंभ होने वाली यह यात्रा सितम्बर अंत तक संचालित होती है और इस दौरान 16 दल ही इस यात्रा पर जा पाते हैं। प्रत्येक दल में अधिकतम 60 श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस प्रकार एक साल में 1100 से 1200 यात्री ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा में जा पाते हैं।
पहले यह यात्रा धारचूला से आगे पैदल संचालित की जाती थी लेकिन अब धारचूला से लिपूलेख तक सड़क मार्ग का निर्माण किया गया है और पिछले साल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से इसका उद्घाटन किया गया था।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता