लखनऊ,28 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ पी सिंह ने विभाग में शुचिता एवं पारदर्शिता लाने के लिये पीपीएस संवर्ग एवं अराजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रति वर्ष चल अचल सम्पत्ति के क्रय विक्रय की घोषणा को अनिवार्य किये जाने के लिए सरकार को आज पत्र लिखा है।
पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीजीपी श्री सिंह ने पुलिस विभाग में शुचिता एवं पारदर्शिता लाने के लिये पीपीएस संवर्ग एवं अराजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रति वर्ष चल अचल सम्पत्ति के क्रय विक्रय की घोषणा को अनिवार्य किये जाने के लिए शासन को पत्र लिखा। उन्होंने अपने पत्र में प्रथम नियुक्ति के समय और उसके बाद हर पाॅंच वर्ष की अवधि बीतने पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी सामान्य मार्ग के जरिये, नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी को ऐसी सभी अचल सम्पत्ति की घोषणा करेंगे, जिसका वह स्वामी हो, जिसे उसने स्वयं अर्जित किया हो या जिसे उसने दान के रूप में पाया हो या जिसे वह पट्टा या रहन पर रखे हो और ऐसे हिस्सों का या अन्य लगी हुई पूॅंजियों की घोषणा करेगा । जिन्हें वह समय-समय पर रखे हो या अर्जित करे या उसकी पत्नी या उसके साथ रहने वाले या किसी प्रकार भी उस पर आश्रित उसके परिवार के किसी सदस्य द्वारा रखी हुयी हो या अर्जित की गई हो।
उन्होंने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के लिए चल अचल सम्पत्ति का विवरण प्रति वर्ष कैलेण्डर वर्ष के शुरूआत में 15 जनवरी तक दिया जाना अनिवार्य है । उत्तर प्रदेश पुलिस में पीपीएस संवर्ग एवं अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए उपरोक्त नियमावली के अनुसार प्रस्तर-24 (3) में दिये गये नियमों के अनुसार ऐसा विवरण 05 वर्ष की अवधि पर दिया जाना है।
प्रवक्ता ने बताया कि 24-10-1973 के शासनादेश में यह अंकित है कि 1956 की नियमावली में प्राविधानित होने एवं शासनादेश द्वारा इस विषय में समय-समय पर नियमित स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रत्येक सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा चल अचल सम्पत्ति का विवरण नियमित प्रेषित नहीं किया जा रहा है। अतः अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित रूप से चल अचल सम्पत्ति के क्रय विक्रय की घोषणा के सम्बन्ध में नियमावली को सुदृृढ़ किया जाना आवश्यक है।
नियमावली के में यह भी अंकित है कि समुचित प्राधिकारी, सामान्य या विशेष आज्ञा द्वारा, किसी भी समय, किसी भी सरकारी कर्मचारी को यह आदेश दे सकता है कि वह आज्ञा के निर्दिष्ट अवधि के भीतर ऐसी चल या अचल सम्पत्ति का, जो उसके पास अथवा उसके परिवार के किसी सदस्य के पास रही हो या अर्जित की गई हो और जो आज्ञा में निर्दिष्ट हो, एक सम्पूर्ण विवरण पत्र प्रस्तुत करें। यदि समुचित प्राधिकारी ऐसी आज्ञा दे तो ऐसे विवरण पत्र में उन साधनों के या उस प्रसाधन के ब्योरे भी सम्मिलित हों, जिनके द्वारा ऐसी सम्पत्ति अर्जित की गई थी।
गौरतलब है कि डीजीपी श्री सिंह 31 जनवरी को सेवा से अवकाश ग्रहण कर रहे हैं।
त्यागी
वार्ता