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उर्दू भाषा हर तरह से आगे बढ़ने में सक्षम: डॉ अहमद

उर्दू भाषा हर तरह से आगे बढ़ने में सक्षम: डॉ अहमद

भोपाल, 21 फरवरी (वार्ता) राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (एनसीपीयूएल) के निदेशक डॉ शेख अकील अहमद ने आज कहा कि विश्व के लगभग सभी मुल्कों में बोली जाने वाली उर्दू भाषा में एक खास गुण यह है कि वह प्रत्येक स्थितियों में आगे बढ़ने का ताकत रखती है।

भोपाल में उर्दू शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय अनवार-उल-उलूम-सोसायटी कार्यक्रम में शामिल होने आए डॉ अहमद ने यहां यूनीवार्ता से चर्चा में कहा कि अभूतपूर्व वैश्विक महामारी कोरोना के संकटकाल में भी उर्दू भाषा के विकास से संबंधित कार्य बंद नहीं हुए। देश में जब लॉकडाउन लग गया था और अनिश्चितता का वातावरण था, तब भी एनसीपीयूएल के सभी अधिकारी कर्मचारी कार्यालय आते रहे। वे स्वयं नियमित तौर पर अपने कार्यालय आते रहे। ऑनलाइन बैठकें, सेमीनार और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। शैक्षणिक संस्थानों को विशेष सॉफ्टवेयर मुहैया कराए गए।

डॉ अहमद ने कहा कि कोरोना संकटकाल में जहां केंद्र सरकार ने लगभग सभी विभागों और संस्थानों में औसतन 30 प्रतिशत बजट की कटौती की, वहीं एनसीपीयूएल को इससे मुक्त रखा गया। उर्दू, अरबी और परसियन भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम चलाने के लिए भी तकनीकी सुविधाएं मुहैया करायी गयीं। इसी कोरोना संकटकाल में एक सौ से अधिक नए केंद्र खोले गए। कहने का तात्पर्य यह है कि उर्दू भाषा के विकास में एनसीपीयूएल कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और न ही छोड़ेगा।

उन्होंने कहा कि भविष्य में भी यदि कोई संकट आएगा, तो भी उर्दू भाषा का विकास प्रभावित नहीं होगा। क्योंकि उर्दू भाषा की यह खासियत है और उसके पास इतनी ताकत है कि वह हर हाल में आगे बढ़ने का माद्दा रखती है। हालाकि साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वक्त के साथ बदलाव की गुंजाइश भी होना चाहिए।

डॉ शेख ने कहा कि भोपाल में भी उर्दू साहित्य से जुड़ी शख्सियत रही हैं और वर्तमान में भी हैं। ये उनके लिए खुशी की बात है कि वह इस शहर में उर्दू से जुड़े कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता जाहिर की कि उर्दू साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर मुज्तबा हुसैन साहब के नाम पर यहां पर बड़ा जलसा आयोजित हो रहा है।

डॉ अहमद ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम लोग पूरे देश के शहरी और नगरीय क्षेत्रों में ही नहीं, गाव गांव में भी उर्दू से संबंधित सेमीनार आयोजित करा रहे हैं। इसके लिए एनसीपीयूएल की तरह से पर्याप्त बजट भी दिया जा रहा है। अब यह आयोजन करवाने वालों पर भी निर्भर है कि वे किस तरह से इन योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।

डॉ अहमद ने आज ही यहां के गोविंदपुरा क्षेत्र में स्थित एक स्कूल परिसर में अनवार उल उलूम सोसायटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। 'मुज्तबा हुसैन और उनका फन' नाम से आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष के रूप में पद्मश्री हकीम सैयद जिलउररहमान और अतिथि के रूप में डॉ खालिद महमूद और डॉ राजिया हामिद भी मौजूद थीं।

कार्यक्रम में सोसायटी के अध्यक्ष कलीम अख्तर ने स्वागत भाषण दिया। सोसायटी की ओर से सभी विशिष्ट अतिथियों का पुष्प और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मान किया गया। इस मौके पर डॉ राजिया हामिद की एक पुस्तक का अनावरण भी किया गया।

प्रशांत

वार्ता

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