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वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण्य ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में : सुशील

वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण्य ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में : सुशील

पटना 29 जुलाई (वार्ता) बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण को ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में शामिल किया गया है।

श्री मोदी ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय व्याघ्र दिवस के मौके पर कहा कि पिछले साल वाल्मीकि व्याघ्र अभ्यारण्य में 31 बाघ थे। इस साल आठ शावक भी देखे गए हैं। इस आश्रयणी को मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवेलूएशन के आधार पर ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में रखा गया है। ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन रिपोर्ट में भी इस आश्रयणी की इकोलाॅजी की महत्ता स्थापित की गई है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बाघों के अधिवास प्रबंधन के तहत 1500 हेक्टेयर में नए घास के मैदान के सृजन तथा 500 हेक्टेयर से खर-पतवार हटाने, वन क्षेत्र में 32 विभिन्न प्रजातियों के जानवरों की बहुलता, गर्मी के दिनों में पीने के पानी की उलब्धता के लिए 22 वाटर होल के निर्माण आदि के कारण यहां बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

श्री मोदी ने कहा कि इसके साथ ही आश्रयणी की सुरक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 80 जवानों के स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन के साथ 600 से अधिक स्थानीय युवाओं को टाइगर ट्रैकर्स तथा एंटी पोचिंग कैम्प पर नियोजित कर जहां उन्हें रोजगार दिया गया है । वहीं बाघों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि नेचर गाइड सहित अन्य गतिविधियों से भी स्थानीय युवाओं को जोड़ा गया हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा गंडक नदी में घड़ियाल संरक्षण योजना के तहत कुल छह नेस्टिंग प्वाॅइंट चिन्हित कर उनमें से दो में 116 घड़ियाल के बच्चों को छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने का नतीजा रहा कि वर्ष 2013-14 की 1218 की तुलना में 2018-19 में यहां 46424 तो 2019-20 में 83705 पर्यटक आए।

सूरज शिवा

वार्ता

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