राज्य » राजस्थानPosted at: Oct 26 2020 4:19PM वैदिक ज्ञान आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता - मिश्र
जयपुर, 26 अक्टूबर (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि जनजातीय धरोहर को वैज्ञानिक रूप में संरक्षित करने के लिए वैदिक ज्ञान आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
श्री मिश्र ने आज राजभवन से बांसवाड़ा स्थित गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय में वेद विद्यापीठ के डिजिटल प्लेटफार्म के लोकार्पण के बाद संबोधित करते हुए कहा कि वेद विद्यापीठ के जरिए प्राचीन भारतीय ज्ञान को वैज्ञानिक रूप में सहेजे जाने की जरूरत है। वेद ईश्वर प्रदत्त ऐसा लिखित संविधान है जिसमें जीवन जीने का सर्वोत्तम ढंग बताया गया है। उन्होंने वेद विद्यापीठ के जरिए भारतीय संस्कृति की इस अनुपम धरोहर को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
श्री मिश्र ने कहा कि पूरे भारत में अकेले बांसवाड़ा में ही ऋग्वेद की शांखयान शाखा की ऋचाओं के सस्वर गान करने वाले ज्ञाता हैं, वेद विद्यापीठ की स्थापना से उनके संरक्षण और सामवेद मंत्रों की गायन परम्परा को सहेजे जाने का भी महत्वपूर्ण कार्य हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा क्षेत्र में वेद विद्यापीठ की स्थापना के साथ ही जनजाति समाज की वृक्षपूजा, प्रकृति और पर्यावरण प्रेम की अतीत की हमारी धरोहर को संरक्षित और सुरक्षित करने का कार्य भी विशेष रूप से किया जाए। वेद विद्यापीठ की स्थापना के अन्तर्गत उन्होंने सनातन भारतीय परम्पराओं को आधुनिक विकास के साथ सहेजने पर भी उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जीवन से मृत्युपर्यन्त तक के सभी सोलह संस्कार वेदों में बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि वेदों में वर्णित संस्कार विधि के अनुसार कार्य करने से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो सकता है। वेद विद्यापीठ को नई पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता की उदात्त भावना का विकास इनके जरिए किया जा सकता है।
सुनील
वार्ता