राज्यPosted at: Sep 11 2018 11:33PM वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी गौरा महापात्रा का निधन
भुवनेश्वर 11 सितंबर (वार्ता) स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता गौरा चंद्र महापात्रा का लंबी बीमारी के बाद यहां भद्रलोक अस्पताल में मंगलवार को निधन हो गया। वह 104 वर्ष के थे।
राष्ट्रवादी कवि कांताकवि लक्ष्मीकांत महापात्रा के पुत्र गौरा महापात्रा ने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था। बाद में उन्होंने शिक्षाविद के रूप में काम किया और वह विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भी शामिल रहे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वह कई बार जेल गये और 1942 में बेरहामपुर सर्किल जेल में वह सबसे युवा कैदी रहे।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने श्री महापात्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें सच्चा गांधीवादी बताया। उन्होंने कहा कि श्री महापात्रा ने गांधीजी के मूल्यों को बढ़ावा देने और सामाजिक उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा,“ हमने श्री महापात्रा के निधन से स्वतंत्रता आंदोलन के आखिरी स्तंभों में से एक को खो दिया है।”
श्री महापात्रा के परिवार में नौ पुत्र और चार पुत्रियां हैं। उनके दो पुत्र पत्रकार हैं।