खेलPosted at: Aug 20 2018 9:55PM विनेश को सोना, निशानेबाजों की चांदी
जकार्ता, 20 अगस्त (वार्ता) राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता महिला पहलवान विनेश फोगाट ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुये 18वें एशियाई खेलों की कुश्ती प्रतियोगिता के 50 किग्रा वर्ग में सोमवार को स्वर्ण पदक जीतकर नया इतिहास रच दिया जबकि निशानेबाज़ों दीपक कुमार और लक्ष्य श्योरण ने रजत पदक हासिल किये।
भारत के खेलों के दूसरे दिन तक दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य सहित कुल पांच पदक हो गए हैं और वह पदक तालिका में आठवें स्थान पर है। एशियाई महाशक्ति चीन हर बार की तरह 15 स्वर्ण, 11 रजत और 9 कांस्य सहित 35 पदक लेकर शीर्ष पर बना हुआ है।
विनेश ने भारत को इन खेलों में दूसरा स्वर्ण और कुश्ती का भी दूसरा स्वर्ण दिलाया। विनेश इसके साथ ही एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गयीं। बजरंग पूनिया ने कल इन खेलों में देश को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। विनेश ने 50 किग्रा के फाइनल में जापान की इरी यूकी को 6-2 से पराजित किया।
भारतीय निशानेबाज़ों दीपक कुमार और लक्ष्य श्योरण ने क्रमश: पुरूष 10 मीटर एयर राइफल और पुरूष ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक हासिल किये। भारत ने इस तरह निशानेबाजी में दो दिन में तीन पदक हासिल कर लिये हैं। लेकिन उसे अभी तक निशानेबाजी में स्वर्ण पदक नहीं मिला है। पहले दिन निशानेबाज़ी में अपूर्वी चंदेला और रवि कुमार की जोड़ी ने 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य जीता था।
गत चैंपियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जबरदस्त शुरुआत करते हुए मेजबान इंडोनेशिया को 17-0 से रौंद दिया लेकिन सात बार की चैंपियन और विश्व विजेता भारतीय पुरूष कबड्डी टीम को कोरिया के हाथों 23-24 से सनसनीखेज पराजय का सामना करना पड़ा। गत चैंपियन महिला कबड्डी टीम ने अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज की। महिला टीम ने थाईलैंड को 33-23 से हराया।
भारतीय पुरुष और महिला बैडमिंटन टीमों का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा और दोनों क्वार्टरफाइनल में हारकर पदक होड़ से बाहर हो गयीं। महिला टीम को शीर्ष वरीयता प्राप्त जापान के हाथों 1-3 से हार झेलनी पड़ी जबकि पुरूष टीम मेजबान इंडोनेशिया के हाथों क्वार्टरफाइनल में 1-3 से हार गयी।
कुश्ती में ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक (62), पूजा ढांडा (57) और पुरुष फ्री स्टाइल पहलवान सुमित(125) ने बेहद निराश किया और उन्हें कांस्य पदक मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा।