राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: May 30 2019 8:38PM राजनीति के परिपक्व योद्धा के तौर पर खुद को स्थापित कर चुके है वीके सिंह
लखनऊ,30 मई (वार्ता) करीब 42 साल देश की सीमाओं को दुश्मनों से महफूज रखने के बाद राजनीति के क्षेत्र में सफलता का परचम लहराने वाले पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल विजय कुमार सिंह की उत्कृष्ट कार्यशैली का हर देशवासी मुरीद है।
जनरल सिंह लगातार दूसरी बार गाज़ियाबाद के सांसद निर्वाचित हुये है। इससे पहले की मोदी सरकार में उन्होंने विदेश राज्य मंत्री की भूमिका का कुशलता से निर्वहन किया था जबकि गुरूवार को एक बार फिर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण करायी।
17वीं लोकसभा के चुनाव में जनरल सिंह ने सपा के सुरेश बंसल काे पांच लाख से अधिक वोटों से हराकर दूसरी बार जीत हासिल की। इससे पहले वर्ष 2014 में उन्होने गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर को पांच लाख 67 हजार मतों से हराकर रिकार्ड जीत हासिल की थी।
राजनीति के रणक्षेत्र में दूसरी बार मैदान मार चुके श्री सिंह ने अपने पहले कार्यकाल में कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर सफलता के नये आयाम स्थापित किये थे। इससे पहले भी वह कई बार नयी भूमिका के साथ अपना परचम लहरा चुके है। सेना के इतिहास में संभवतः वह पहले कमांडो थे जिन्हाेंने जनरल की पदोन्नति पायी। श्री सिंह पहले सेनानायक थे जिन्हाेंने पद पर रहते हुये सरकार को न्यायालय में खींचने का साहस किया जबकि हाल ही में सम्पन्न लोकसभा चुनाव में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उन्होंने कांग्रेस के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देकर सरकार के पक्ष को मजबूती से देश के सामने रखा था।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन.यूपीए. सरकार से आयु के मसले पर कानूनी लड़ाई लड़ने वाले 63 वर्षीय श्री सिंह ने सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्ति के दस माह बाद भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। इससे पूर्व जनरल ने प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ मंच साझा कर भ्रष्टाचार के समूल विनाश वाले जनलोकपाल विधेयक की वकालत की।
श्री सिंह का जन्म हरियाणा में भिवानी जिले के बापोरा गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता भारतीय सेना में कर्नल के पद पर थे जबकि उनके दादा जूनियर कमीशन आफीसर.जेसीओ. के तौर पर सेना में कार्यरत थे। सिंह ने बिड़ला पब्लिक स्कूल,पिलानी, राजस्थान से शिक्षा प्राप्त की।
सैन्य पृष्ठिभूमि वाले परिवार के सदस्य श्री सिंह वर्ष 1970 में राजपूत रेजीमेंट की दूसरी बटालियन में कमीशन आफीसर के तौर पर नियुक्त हुये। बाद में उन्हाेने इस बटालियन का नेतृत्व पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा पर किया।
श्री सिंह से डिफेंस सर्विस स्टाफ काॅलेज स्नातक की उपाधि हासिल की। उन्हें यूनाइटेड स्टे्टस आर्मी इंफेट्री स्कूल से आनर्स ग्रेजुएट का सम्मान हासिल हुआ।
जनरल सिंह ने वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध में दुश्मनों का जमकर मुकाबला किया। उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। इक्तीस मार्च 2010 को उन्होने सेना प्रमुख का पदभार संभाला। कार्यकाल के अंतिम पड़ाव में आयु के मुद्दे को लेकर वह सरकार से तकरार को लेकर चर्चा में रहे। वह 31 मई 2012 को सेवानिवृत्त हुये और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। उनके बाद जनरल विक्रम सिंह नये सेना प्रमुख बने।
प्रदीप त्यागी
वार्ता