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केदारनाथ आपदा में लापता श्रद्धालु मामलेे में वाडिया संस्थान को सुझाव देने कहा गया

केदारनाथ आपदा में लापता श्रद्धालु मामलेे में वाडिया संस्थान को सुझाव देने कहा गया

नैनीताल, 5 नवम्बर (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केदारनाथ आपदा में लापता 3075 श्रद्धालुओं की सुध लेने के लिये आखिरी उम्मीद के तौर पर देहरादून स्थित वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमायलयन जियालाॅजी को चार सप्ताह में अपने सुझाव पेश करने को कहा है। अदालत ने संस्थान से पूछा है कि छह साल की लंबी अवधि बीतने के बावजूद क्या लापता श्रद्धालुओं का पता लगाया जा सकता है? इस मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ ने दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सोमवार को ये निर्देश जारी किये। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सन् 2013 में आयी केदारनाथ आपदा में 3075 श्रद्धालु अभी भी लापता हैं। केदारनाथ घाटी से अभी तक 699 शव व कंकाल मिल चुके हैं। सरकार की ओर से यह जानकारी एक शपथपत्र के माध्यम से उच्च न्यायालय में दी गयी है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजयवीर पुंडीर ने बताया कि इस मामले वाडिया संस्थान को पक्षकार बनाया गया है। इसके बाद अदालत ने संस्थान से लापता लोगों के मामले में तकनीकी सुझाव मांगे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से इस पूरे मामले में वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियालाॅजी की विशेषज्ञता का लाभ लेने का सुझाव अदालत को दिया गया था।

इससे पहले 4 सितम्बर, 2019 को उत्तराखंड सरकार की ओर से एक हलफनामा पेश कर कहा गया था कि केदारनाथ त्रासदी में लापता श्रद्धालुओं को पता लगाने के लिये उनके पास कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है और केदारनाथ स्थित मंदाकिनी घाटी में खुदाई करने से वहां के पारिस्थितिकी और पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो सकता है।

रवीन्द्र, प्रियंका

वार्ता

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