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वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेजों के नवाब मलिक के दावे को किया खारिज

वानखेड़े ने फर्जी दस्तावेजों के नवाब मलिक के दावे को किया खारिज

मुंबई, 25 अक्टूबर (वार्ता) महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को दावा किया कि अभिनेता आर्यन खान को क्रूज ड्रग मामले में गिरफ्तार करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल अधिकारी समीर वानखेडे ने सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया था।

आर्यन मामले के जांच की अगुवाई कर रहे श्री वानखेड़े ने श्री मलिक के आरोप का खंडन किया है। इस मामले के एक गवाह प्रभाकर सैल ने दावा किया कि इस मामले में बड़ी धनराशि के आदान-प्रदान की बात हो रही थी और कहा जा रहा है कि उसमें से एक बड़ा हिस्सा समीर वानखेड़े को मिलने वाला था। श्री वानखेड़े आज एनडीपीएस की विशेष अदालत के सामने भी पेश हुए।

श्री मलिक ने कैप्शन के साथ समीर वानखेड़े का एक जन्म प्रमाण पत्र और उनकी शादी की तस्वीर ट्वीट की, जिसमें लिखा, “यहां से शुरू हुआ फर्जीवाडा और पहचान कौन।”

जन्म प्रमाण पत्र में एनसीबी अधिकारी का नाम समीर दाउद वानखेड़े दर्शाया गया है और विवाह के फोटो में श्री वानखेड़े के साथ उनकी पहली पत्नी डॉ. शबाना कुरैशी हैं। श्री वानखेड़े ने बाद में उनसे तलाक ले लिया और मराठी फिल्मों की अभिनेत्री क्रांति रेडकर से शादी कर ली।

मंत्री ने दावा किया कि श्री वानखेड़े ने (सिविल सेवाओं) परीक्षाओं और नौकरी में आरक्षण पाने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया था।

श्री वानखेड़े ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनके पिता सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ज्ञानदेव कचरूजी वानखेड़े हैं जो राज्य आबकारी विभाग के सेवानिवृत्त वरिष्ठ निरीक्षक हैं जबकि उनकी दिवंगत माता का नाम जहीदा था जो एक मुस्लिम परिवार से थीं। श्री वानखेड़े ने यह भी पुष्टि की कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत 2006 में एक नागरिक समारोह में डॉ शबाना कुरैशी से निकाह किया था। वानखेड़े ने कहा,“ हम दोनों ने 2016 में सिविल कोर्ट में आपसी रजामंदी के साथ तलाक ले लिया था। बाद में वर्ष 2017 में उन्होंने क्रांति दीनानाथ रेडकर से विवाह किया था। ”

उन्होंने उनिक व्यक्तिगत दस्तावेजों को प्रकाशित करने पर इसे 'अपमानजनक' और ‘उनके परिवार की गोपनीयता पर अनावश्यक हमला’ करार दिया, जिसका एक मात्र उद्देश्य उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को बदनाम करना है। श्री वानखेड़े ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में श्री मलिक ने उन्हें और उनके परिवार को जबरदस्त मानसिक और भावनात्मक पीड़ा दी है, और वह “ व्यक्तिगत, अपमानजनक और निंदात्मक हमलों को बिना किसी औचित्य के झेल रहे हैं।”

श्री मलिक ने कहा, “ उन्होंने (समीर वानखेड़े) ने सिविल सेवाओं की परीक्षाओं और नौकरी में आरक्षण पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है। ”

उन्होंने कहा कि पूरा क्रूज ड्रग्स मामला फर्जी है और महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने और बॉलीवुड को आतंकित करने के लिए यह सब किया जा रहा है।

इससे पहले दिन में श्री वानखेड़े विशेष नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अदालत के न्यायाधीश वी वी पाटिल के समक्ष वानखेड़े पेश हुए। वानखेड़े ने कहा कि उन्हें मोहरा बनाया जा रहा है और वह किसी भी जांच के लिए सहर्ष तैयार हैं।

एनसीबी के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि इस संबंध में दो हलफनामे भी दाखिल किए गए जिनमें से एक एनसीबी ने और दूसरा श्री वानखेड़े ने दाखिल किया। श्री वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच की जा रही है।

एनसीबी के हलफनामे में कहा गया था कि गवाह प्रभाकर सैल द्वारा दिए गए बयान पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जबकि समीर वानखड़े ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया और किसी भी तरह की जांच का सामना करने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की है।

श्री वानखेड़े ने पहले महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं करने का अनुरोध किया था क्योंकि उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें आर्यन खान मामले में झूठा फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

वानखेड़े ने यह पत्र मुंबई क्रूज ड्रग्स पर्दाफाश मामले के एक गवाह प्रभाकर सैल द्वारा सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खुलासा किए जाने के बाद लिखा था कि आर्यन की रिहाई के लिए बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान से भारी धनराशि ऐंठने के लिए संपर्क किया गया था और उनके बॉस के पी गोसावी इस मामले में बिचौलिए थे।

प्रभाकर सैल सोमवार को मुंबई क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए। उन्होंने रविवार को आरोप लगाया कि बॉलीवुड स्टार से कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी और जाहिर तौर पर 18 करोड़ रुपये में एक सौदा तय हुआ है, जिसमें से आठ करोड़ रुपये वानखेड़े को दिए जाने थे और बाकी राशि अन्य लोगों के बीच बांटे जाएंगे।

गौरतलब है कि एनसीबी ने दो अक्टूबर को गोवा जा रहा कॉर्डेलिया क्रूज पर कथित ड्रग्स पार्टी का भंडाफोड़ किया था, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान और कुछ अन्य को छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से आर्यन ने स्थानीय और विशेष अदालत में दो बार जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है, जिन्हें स्थानीय अदालत ने उसका अधिकार क्षेत्र नहीं होने के कारण खारिज कर दिया था और विशेष अदालत ने कहा था कि जमानत पर रिहा होने से गवाहों पर असर पड़ सकता है और जांच में बाधा पहुंच सकती है।

आर्यन के वकील की ओर से दाखिल की नयी जमानत याचिका पर मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

उप्रेती.श्रवण

वार्ता

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