नयी दिल्ली, 31 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीवन के वास्ते जल की महत्ता पर देशवासियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि धरती पर जीवन सुरक्षित रखने के लिए पानी की हर बूंद का संरक्षण करना सबकी जिम्मेदारी है इसलिए आने वाली बरसात के पानी बचाने के लिए हर संभव तरीका अपनाना है।
श्री मोदी ने रविवार को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि हम सभी को हर तरीका अपना कर बरसात के पानी को रोकना है। उन्होंने कहा “पांच- सात दिन भी अगर पानी रुका रहेगा तो धरती मां की प्यास बुझाएगा, पानी फिर जमीन में जायेगा, वही जल, जीवन की शक्ति बन जायेगा इसलिए इस वर्षा ऋतु में हम सब का प्रयास रहना चाहिए कि हम पानी को बचाएं और उसको संरक्षित करें।”
प्रधानमंत्री ने लोगों से घर-घर और गांव-गांव में प्राचीन या कोई नया तरीका अपनाकर वर्षा जल को बचाने का आग्रह किया और कहा “हम बार-बार सुनते हैं ‘जल है तो जीवन है - जल है तो कल है’ लेकिन जल के साथ हमारी जिम्मेदारी भी है। वर्षा का पानी, बारिश का पानी - ये हमें बचाना है, एक-एक बूंद को बचाना है। गांव-गांव वर्षा के पानी को हम कैसे बचाएं ,इसके लिए हमारे परंपरागत और बहुत सरल उपाय हैं। उन सरल उपायों को अपनाकर भी हम पानी को रोक सकते हैं।”
उन्होंने पर्यावरण दिवस पर वातावरण को बेहतर बनाने के लिए लोगों से पेड़- पौधे लगाने का भी अनुरोध किया और कहा कि पर्यावरण का स्वच्छ रहना आवश्यक है क्योंकि इसका संबंध सीधे हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य से है इसलिए हमें प्रकृति की सेवा का संकल्प लेना चाहिए।
श्री मोदी ने लगातार बढ़ रही गर्मी के बीच लोगों से पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करने का भी आग्रह किया और कहा “पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करना मत भूलियेगा।”
अभिनव, यामिनी
वार्ता