गोल्ड कोस्ट, 02 अक्टूबर (वार्ता) ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दूसरे दिन पूनम राउत के पिच से जाने के फ़ैसले की सराहना की गई, जबकि अंपायर ने उन्हें नॉट आउट कहा था। उनकी साथी स्मृति मंधाना को नहीं पता कि कितने अन्य खिलाड़ियों ने ऐसा निर्णय लिया होगा। 165 गेंदों का सामना करके 36 रनों पर खेल रही पूनम ने जब 81वें ओवर में सोफी मोलिन्यू की गेंद पर आगे बढ़कर खेला तो एलिसा हीली ने पीछे से कैच लेने की अपील की लेकिन उन्हें गेंदबाज़ या मेग लैनिंग का ज्यादा समर्थन नहीं मिला।
हालांकि, पूनम पिच से चल पड़ी। हो सकता है कि उन्होंने शुरू में फिलिप गिलेस्पी को अपील को अस्वीकार करते हुए नहीं देखा हो क्योंकि उसने सीधे ऊपर नहीं देखा और एक पल के लिए ऑस्ट्रेलिया ने सोचा कि उन्हें विकेट नहीं मिल रहा था लेकिन जब पूनम चली गई तब विकेट गिर गया।
इस मल्टी फॉर्मेट सीरीज़ में डीआरएस नहीं है, इसलिए अगर पूनम अपनी जगह पर खड़ी रहती तो ऑस्ट्रेलिया के पास कोई सहारा नहीं होता।
स्मृति ने कहा, "पहले हमने प्रतिक्रिया दी, जैसे, 'ओह, उसने ऐसा क्यों किया?' लेकिन, निश्चित रूप से, यह कुछ ऐसा है जिसका हम सभी बहुत सम्मान करते हैं। मुझे लगता है कि उसने टीम की सभी साथियों से बहुत सम्मान अर्जित किया है।"
मंधाना ने साथ ही कहा, "और मुझे नहीं पता कि इस समय पुरुष या महिला क्रिकेट में कितने लोग वास्तव में ऐसा करेंगे। आजकल लोग बाहर निकलते हैं क्योंकि डीआरएस है, लेकिन जब कोई डीआरएस नहीं है और बाहर चले जाते हैं, तो मुझे नहीं पता कि कितने लोग ऐसा करते तो, निश्चित रूप से उसने हमसे बहुत सम्मान अर्जित किया है। हालांकि पहली प्रतिक्रिया तो यही थी कि उसने ऐसा क्यों किया।"
उस वक़्त जब प्लेयर माइक्रोफ़ोन पर मौजूद ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज़ बेथ मूनी से चैनल सेवन कमेंटेटरों ने पूछा कि क्या वह भी ऐसा ही करतीं, तो उन्होंने कहा, "मतलब ही नहीं है कि मैं ऐसा करती।"
दिन के खेल के बाद एलिस पेरी ने कहा, "यह उसके विवेक पर निर्भर करता है कि वह जाना चाहती हैं या नहीं। उसने किया, इसलिए मुझे लगता है कि हमारे दृष्टिकोण से, यह सिर्फ स्वीकार करने वाली बात थी, लेकिन इससे ज़्यादा वहां पर इस विषय पर बात करने के लिए कुछ नहीं था।"
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