नयी दिल्ली, 12 जुलाई (वार्ता) भारत के विश्वकप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हारकर बाहर हो जाने के बाद कोच रवि शास्त्री ने स्वीकार किया है कि टीम को मध्यक्रम में एक मजबूत बल्लेबाज की कमी खली।
विश्वकप में भारत का मध्यक्रम जूझता रहा और सेमीफाइनल में शीर्ष क्रम के पतन के बाद संभल नहीं पाया। विश्वकप से पहले, टूर्नामेंट के दौरान और टूर्नामेंट के बाद मध्यक्रम में चार नंबर को लेकर चर्चा लगातार जारी है। इस क्रम ने भारतीय बल्लेबाजी को कमजोर किया, खासतौर पर सेमीफाइनल में। भारत ने चार नंबर पर लोकेश राहुल, हार्दिक पांड्या, विजय शंकर और रिषभ पंत को आजमाया लेकिन कोई भी बल्लेबाज इस क्रम पर 50 का स्कोर नहीं बना पाया।
शास्त्री ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र से कहा, “हमें मध्यक्रम में एक मजबूत बल्लेबाज की जरुरत थी। विश्वकप का सफर समाप्त हो चुका है और हमें भविष्य की तरफ देखना होगा। इस क्रम ने हमें हमेशा परेशान और हम इसका हल नहीं निकाल पाए।”
कोच ने कहा, “राहुल चार नंबर पर थे लेकिन शिखर धवन के चोटिल होने के बाद उन्हें ओपनिंग पर जाना पड़ा। विजय शंकर भी थे लेकिन वह भी चोटिल हो गए और हम हालात को नियंत्रित नहीं कर पाए।”