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हम दिल्ली की शांति भंग करने नहीं बल्कि इसकी सुरक्षा के लिये आए हैं: अमरिंदर

हम दिल्ली की शांति भंग करने नहीं बल्कि इसकी सुरक्षा के लिये आए हैं: अमरिंदर

चंडीगढ़ ,04 नवम्बर (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि वह दिल्ली में केंद्र के साथ टकराव नहीं बल्कि गरीब किसानों के लिए इन्साफ के लिये आये हैं जिनकी रोज़ी-रोटी केंद्रीय कृषि कानूनों के कारण खतरे में पड़ी हुई है।

उन्होंने आज दिल्ली में जंतर मंतर पर धरने के दौरान कहा कि वे यहाँ शान्ति भंग करने नहीं बल्कि इसकी सुरक्षा के लिए आए हैं। उन्होंने कहा ‘हमें तथा पंजाब के विधायकों को दिल्ली में धरना देने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि राष्ट्रपति ने उन सभी से मिलने के लिए समय नहीं दिया और उनकी मुलाकात को इस आधार पर रद्द कर दिया कि राज्य के खेती संशोधन बिल अभी राज्यपाल के पास पड़े हैं।,

उन्होंने बताया कि चाहे उनका पहला प्रोग्राम राजघाट में क्रमवार धरना देने का था लेकिन बाद में इसे जंतर-मंतर पर शिफ्ट करना पड़ा क्योंकि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रपिता की समाधि राजघाट पर धारा 144 लगा दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि राज्यपाल इसमें कुछ नहीं करेंगे। इस कारण वह राष्ट्रीय सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा संबंधी पंजाब की परेशानी से राष्ट्रपति को अवगत कराने के लिये मिलना चाहते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति पंजाब विधानसभा में पारित कृषि बिलों को लेकर सहमति के देंगे ।

कैप्टन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाबियों के बलिदानों को ध्यान में रखते हुये पंजाब की समस्याओं पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। पंजाब सीमावर्ती राज्य होने के कारण कई तरह की परेशानी का सामना देश के लिये खुद करते हैं ताकि देश की सुरक्षा पर आंच न आये । पंजाब का कोई भी नागरिक किसी भी देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने की सोच भी नहीं सकता।

उन्होंने कहा ‘मैं देश के लिए अपना ख़ून देने के लिए तैयार हूँ जैसा कि पंजाबी सदा ही करते आए हैं।’ यदि किसानों का मसला हल न हुआ तो बेचैनी बढ़ेगी और इसका लाभ उठाने की ताक में चीन और पाकिस्तान दोनों बैठे हैं।

उन्होंने केंद्र से अपील की कि छोटे और सीमांत किसानों की दुर्दशा को समझे ।

उन्होंने कहा कि उनके पास गृह विभाग का प्रभार भी है और वह सरहदों पर होने वाले खतरों से अवगत हैं जिसमें पाकिस्तान आतंकवादियों और गैंगस्टरों के लिए हर रोज़ ड्रोनों के जरिये नशे और हथियारों की तस्करी की जाती है। यदि पंजाब में मुश्किलें बढ़ीं तो पूरे देश की सुरक्षा दांव पर लग जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान कारपोरेट के साथ लड़ रहे हैं इसी कारण वे निजी थर्मल प्लांटों को जाने वाली दोनों ट्रैकों को अवरूद्ध किये हैं और सरकारी बिजली संयंत्रों को जाने वाली ट्रैक वे खाली कर चुके हैं । अन्य सभी लाईनें खुली हुई हैं। उन्होंने रेलवे मंत्री पीयूष गोयल को भरोसा भी दिलाया था कि मालगाड़ियों को जाने की अनुमति देने में पंजाब पुलिस की तरफ से आर.पी.एफ. को स्टेशनों और रेल गाड़ियों के साथ सुरक्षा बनाए रखने में सहायता की जायेगी।

केंद्र की तरफ से पंजाब में ट्रेेन चलाने की अनुमति न देने के पीछे दिए गए तर्क पर सवाल उठाते हुए कैप्टन सिंह ने कहा कि यह फ़ैसला पंजाब में ज़रूरी सप्लाई में रुकावट पैदा कर रहा है जिससे लद्दाख़ और कश्मीर में सशस्त्र बलों समेत दूसरे राज्यों में ज़रूरी आपूर्ति प्रभावित हो रही है।

धरने को सांसद मनीष तिवारी और विधायक नवजोत सिंह सिद्धू, लोक इंसाफ पार्टी के सिमरनजीत सिंह बैंस, एकता पार्टी के सुखपाल खैहरा और शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) विधायक परमिन्दर सिंह ढींडसा ने भी संबोधित करते हुये केन्द्र की पंजाब और किसान विरोधी कार्यवाही की कड़ी निंदा की।

श्री सिद्धू ने रेल यातायात के निलंबन को केन्द्र सरकार की ‘आर्थिक नाकाबंदी’ करार दिया ।

शर्मा

वार्ता

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