Wednesday, Apr 17 2024 | Time 04:38 Hrs(IST)
image
फीचर्स


‘बिहार फार्मूले’से लड़ा जायेगा पश्चिम बंगाल चुनाव

कोलकाता 26 मार्च(वार्ता) बिहार के सफल चुनावी प्रयोग को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में दाेहराने की आस में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने न सिर्फ जनता दल यूनाइटेड(जदयू) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) से हाथ मिलाया है बल्कि उसने कांग्रेस से भी अप्रत्यक्ष गठबंधन कर लिया है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस की तिकड़ी ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और लोजपा के छक्के छुड़ा दिये थे। माकपा भी अब इसी तिकड़ी के साथ गठबंधन करके अपनी खोयी साख को दोबारा हासिल करना चाहती है। कांग्रेस के साथ अब माकपा का एक तरह से अप्रत्यक्ष समझौता है। हालांकि 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस से गठबंधन करके ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल पर 34 साल से काबिज वाम मोर्चे को उखाड़ फेंकने में मदद की थी। कांग्रेस ने लेकिन बहुत जल्द ही गठबंधन से खुद को अलग कर लिया था। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार माकपा के साथ जदयू, राजद और कांग्रेस के जुड़े होने से तृणमूल कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में करारा झटका लग सकता है। माकपा इस चुनाव के माध्यम से न सिर्फ पश्चिम बंगाल में अपनी खोयी सत्ता वापस पाना चाहती है बल्कि वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी साख को बचाये रखने के लिए भी संघर्षरत है। विधानसभा चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस को न सिर्फ इस गठबंधन से खतरा है बल्कि चुनाव से ठीक पहले हुए स्टिंग ऑपरेशन ने उसकी छवि भी खराब कर दी है। तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का कहना है कि स्टिंग ऑपरेशन के कारण उनकी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन राजनीति विश्लेषकों की राय इससे दीगर है। स्टिंग ऑपरेशन से बौखलायी ममता बनर्जी से निष्पक्ष मतदान के लिये अमेरिका से फौज बुलाने की बात कहकर खुद को हंसी का पात्र भी बना लिया है। अर्चना उपाध्याय जारी वार्ता

There is no row at position 0.
image