नयी दिल्ली, 16 फरवरी (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न की जांच अदालत की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने और संबंधित मुकदमों को पश्चिम बंगाल से दिल्ली स्थानांतरित करने की गुहार वाली एक जनहित याचिका पर शीघ्र सुनवाई करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के 'विशेष उल्लेख' पर याचिका को शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
याचिकाकर्ता ने मणिपुर मामलों में गठित समिति की तरह पश्चिम बंगाल की इस घटना के मामले में भी विभिन्न उच्च न्यायालयों के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने का निर्देश देने की गुहार लगाई है।
याचिका में पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए निर्देश देने के अलावा पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात किये जाने की गुहार लगाई गई है।
याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि पांच जनवरी 2024 को जब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम पीडीएस योजना में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में संदेशखली में छापा मारने गई थी, तब अधिकारियों पर हमला किया गया। हमले में तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए। याचिका में कहा गया, "इसके बाद, बहुत अजीब बात है कि, राज्य पुलिस द्वारा खुद प्रवर्तन निदेशालय अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।"
बीरेंद्र, उप्रेती
वार्ता