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कांग्रेस जहां मजबूत है, वहां समर्थन-ममता

कांग्रेस जहां मजबूत है, वहां समर्थन-ममता

कोलकाता, 15 मई (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए सोमवार को साफ किया कि कांग्रेस जहां मजबूत होगी, तृणमूल कांग्रेस वहां उसे समर्थन देगी और इसी तरह कांग्रेस को भी क्षेत्रीय दलों को अपना समर्थन देना चाहिए जहां वे मजबूत हैं।

सुश्री बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह अपने गढ़ में कांग्रेस का समर्थन करेंगी, लेकिन कांग्रेस को भी अपने गढ़ में क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'ऐसा नहीं हो सकता कि हम कांग्रेस को उसके गढ़ में समर्थन देंगे और कांग्रेस राज्य में मेरे खिलाफ लड़ेगी।'

उल्लेखनीय है कि सुश्री बनर्जी ने शनिवार को कर्नाटक के लोगों को बदलाव के पक्ष में उनके निर्णायक जनादेश के लिए सलाम किया। हालाँकि, उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कहीं भी कांग्रेस के नाम का उल्लेख नहीं किया।

उन्होंने कहा 'मैं कोई जादूगर नहीं हूं, न ही ज्योतिषी। मैं नहीं कह सकती कि भविष्य में क्या होगा। कर्नाटक में डाला गया वोट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ एक जनादेश है।'

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बर्बाद कर दिया गया है, बुलडोजर से लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचला जा रहा है और यहां तक कि पहलवानों की भी नहीं सुनी जा रही है।

सुश्री ममता ने कहा कि इस स्थिति में जो भी क्षेत्र में मजबूत है, उसे एक साथ लड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी जिन सीटों पर मजबूत है, वहां वह भाजपा के खिलाफ लड़ सकती है।'

उन्होंने कहा, 'एक मजबूत पार्टी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और जहां भी कांग्रेस मजबूत है, उन्हें लड़ने दें, हम समर्थन करेंगे. लेकिन इसके लिए कांग्रेस को दूसरी पार्टियों का भी साथ देना होगा।

सुश्री ममता ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनसे निकट भविष्य में सभी विपक्षी दलों के साथ किसी संभावित बैठक के बारे में पूछा जाने पर कहा कि वह 27 मई को नीति आयोग की सरकारी परिषद की बैठक में शामिल होंगी। लेकिन उस समय दिल्ली में विपक्ष की किसी बैठक का कोई प्रस्ताव नहीं है। 'मैं नीति आयोग की बैठक में भाग लूंगी क्योंकि राज्य के मुद्दों को उठाने का कोई अन्य विकल्प नहीं है।

मुख्यमंत्री ने बकाया महंगाई भत्ते (डीए) के लिए आंदोलन कर रहे लोगों को कड़ा संदेश दिया , 'डीए अनिवार्य नहीं है। यह वैकल्पिक है, अगर मेरे पास पैसा होता तो मैं इसे प्यार से देती।

सुश्री बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में एक लाख 15 हजार करोड़ रुपये पड़े हैं। इसे पहले लाओ। मैं और 03 प्रतिशत डीए दूंगी।

जांगिड़

वार्ता

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