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थोक महँगाई साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर पर

थोक महँगाई साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर पर

नयी दिल्ली 16 जुलाई (वार्ता) पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के साथ ही धातुओं तथा सब्जियों की कीमतों में बड़ी तेजी के कारण इस साल जून में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर लगातार तीसरे महीने बड़ी छलाँग लगाते हुये साढ़े चार साल के उच्चतम स्तर 5.77 प्रतिशत पर पहुँच गयी।

सरकारी आँकड़ों के अनुसार, इस साल मई में थोक महँगाई दर 4.43 प्रतिशत रही थी। पिछले साल जून में यह 0.90 प्रतिशत दर्ज की गयी थी। इस साल मार्च में 2.74 प्रतिशत रहने वाली थोक महँगाई तीन महीने में तीन प्रतिशत से ज्यादा बढ़ चुकी है।

थोक महँगाई दर का इससे पिछला उच्च स्तर दिसंबर 2013 में रहा था जब यह 5.88 प्रतिशत पर रही थी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आज यहाँ जारी आँकड़ों में बताया गया है कि पिछले साल जून की तुलना में इस साल जून में ईंधन वर्ग के उत्पाद 16.18 प्रतिशत महँगे हुये। इनमें डीजल के दाम 21.63 प्रतिशत, रसोई गैस के 17.45 प्रतिशत और पेट्रोल के 17.45 प्रतिशत बढ़े हैं। थोक महँगाई बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान इसी वर्ग का रहा।

इससे पहले 12 जुलाई को जारी आँकड़ों के अनुसार, खुदरा महँगाई दर भी लगातार तीसरे महीने बढ़ती हुई जून में पाँच प्रतिशत पर पहुँच गयी जो जनवरी 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है। चुनावी साल में महँगाई का लगातार बढ़ना सरकार के लिए चिंता विषय बन गया है। इससे रिजर्व बैंक के अगस्त में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना बनी है। जून की बैठक में भी उसने नीतिगत ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की थी।

 

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