नयी दिल्ली, 22 दिसम्बर (वार्ता) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से जुड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बयान का हवाला देते हुए रविवार को सवाल किया कि जब एनआरसी पर कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई तो फिर गृह मंत्री अमित शाह बार-बार इसे लागू करने का बयान क्यों दे रहे हैं।
जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन में अपना समर्थन देने पहुंचे श्री येचुरी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को एनआरसी पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “इस तरह का कानून लाना संविधान के खिलाफ है। इस देश की एक ही पवित्र पुस्तक है हमारा संविधान। हम संविधान की रक्षा और अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे।”
माकपा नेता ने कहा, “श्री मोदी भाषण दे रहे थे कि किसी की नागरिकता छीन नहीं रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि नागरिकता के साथ धर्म को क्यों जोड़ रहे हैं?” संविधान में धर्म के आधार पर नागरिकता देने का कहीं जिक्र नहीं है तो फिर धर्म के आधार पर नागरिकता क्यों देने की बात हो रही है।
उन्होंने सवाल किया कि जब एनआरसी पर कैबिनेट में चर्चा नहीं हुई तो फिर श्री शाह बार बार क्यों एनआरसी लगाने की बात कर रहे हैं।
श्री येचुरी ने कहा, “प्रधानमंत्री जी, आप स्पष्ट करिये कि आप क्या चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “आप पचास खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं लेकिन अपने एक घण्टे के भाषण में लोगों के आम मुद्दों के बारे में कुछ नहीं कहा। किसान आत्महत्या कर रहा है, लोग महंगाई से जूझ रहे हैं और अर्थव्यवस्था डूब रही है। लेकिन इन समस्याओं का कोई जिक्र नहीं है।”
श्री येचुरी ने आखिर में नारा लगाया ‘मोदी साहब सावधान’ और उसके बाद मौजूद लोगों ने जोरदार आवाज में कहा हम बचाएंगे संविधान।
आजाद, उप्रेती
वार्ता