विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीPosted at: Jan 21 2017 11:14AM पलक झपकते समय क्यों नहीं छाता अंधेरा
नयी दिल्ली 21 जनवरी (वार्ता) वैज्ञानिकों ने नये शोध में पता किया है कि हर कुछ सेकेंड में पलक झपकते समय हमारी आंखों के सामने कुछ सेकेंड लिए भी अंधेरा क्यों नहीं छाता और इस दौरान हमारी नजरें भी इधर -उधर क्यों नहीं होतीं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी,सिंगापुर के ननयांग तकनीकी विश्वविद्यालय और पेरिस के डेसकार्टस विश्वविद्यालय एवं डारटमौथ कॉलेज के वैज्ञानिकों के ‘करेंट बायोलजी’ पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि “आंखों के इस ‘खेल’ में कि एक सेकेंड के लिए भी हमारी आंखों के सामने अंधेंरा नहीं छाए और हमारी नजरें जहां थीं वहीं रहें, हमारे दिमाग को बहुत कसरत करनी पड़ती है।” इसके अलावा आंखों में नमी बनाये रखने और किसी तरह के जलन से बचाये रखने के लिए पलकों का झपकना आवश्यक होता है। मुख्य शोधकर्ता सिंगापुर के ननयांग तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गेरिट माउ ने कहा“हमारी आंखों की मांसपेशिया वस्तुत: काफी ‘आलसी’ होती हैं। हमारा दिमाग लगातार सक्रिय रहकर यह सुनिश्चित करता है कि पलक झपकाए जाने के दौरान आंखें जहां देख रही थीं वहीं देखें। इसके लिए हमारे दिमाग को अलग से मेहनत करनी पड़ती है। हमारे दिमाग को अपने ‘मोटर सिग्नल’ का लगातार अनुकूलन बनाये रखना पड़ता है ताकि आंखें वहीं देखें जहां उन्हें देखना होता है। आशा जितेन्द्र देवेन्द्र वार्ता