बेंगलुरु, 26 फरवरी (वार्ता) वन्यजीव कार्यकर्ता केएम चिन्नप्पा का सोमवार को कर्नाटक के कोडागु जिले में अपने आवास पर निधन हो गया।
श्री चिन्नाप्पा के परिवार में उनकी पत्नी और बेटा है। वह नागरहोल और वन्यजीव संरक्षण का पर्याय थे।
वन विभाग के पूर्व अधिकारी ने लकड़ी माफिया और स्थानीय राजनेताओं के खिलाफ युद्ध छेड़ा था, जब नागरहोल अभी भी एक वन्यजीव अभयारण्य था, बाघ अभयारण्य नहीं।
उन्होंने नागरहोल के रेंज वन अधिकारी के रूप में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और संरक्षण के मुद्दे की वकालत करने वाले एक गैर सरकारी संगठन वाइल्डलाइफ फर्स्ट के माध्यम से स्कूली बच्चों, शिक्षकों, ग्रामीण युवाओं और ग्रामीणों तक पहुंचकर जंगल से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता फैलाना शुरू कर दिया।
उन्होंने 2,500 से अधिक वन सुरक्षा कर्मचारियों को अवैध शिकार विरोधी अभियानों और अग्नि सुरक्षा में प्रशिक्षित किया और अपनी आखिरी सांस तक लकड़ी माफिया के खिलाफ और पश्चिमी घाट में पशु भंडार के लिए लड़ाई लड़ी।
श्री चिन्नप्पा इस बात का प्रतीक है कि कैसे एक वनपाल ने सभी बाधाओं के बावजूद बाघ संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी और कई अन्य लोगों को वन्यजीवों को बचाने के लिए प्रेरित किया।
जांगिड़
वार्ता