नयी दिल्ली, 30 जुलाई (वार्ता) वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक के कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक की उपलब्धि पर उनके कोच को लेकर कई दावेदार सामने आये लेकिन अब खुद इस पहलवान ने स्पष्ट किया है कि वह द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये अपने ससुर सत्यवान कादियान के नाम को ही मंजूरी देंगी।
साक्षी से यहां एक कार्यक्रम से इतर उनके कोच के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,“ देखिये यह एक लंबी कहानी है और आज मैं पूरी तरह इसे स्पष्ट कर देना चाहती हूं। जब मैंने कुश्ती शुरू की थी तो मेरे कोच ईश्वर सिंह दहिया थे। उनके रिटायर होने के बाद मंदीप ने मुझे अपने अखाड़े में कोचिंग दी। जब हम लखनऊ में ट्रेनिंग के लिये जाते हैं तो राष्ट्रीय कोच कुलदीप मलिक हमें ट्रेनिंग देते हैं।”
उन्होंने कहा,“ अब तीन तीन कोच हो गये और यहीं पर सारी दुविधा पैदा हो गयी कि मेरा कोच कौन है। पिछले ढाई साल से मेरे ससुर सत्यवान कादियान अपने अखाड़े में मुझे कोचिंग करा रहे हैं। मेरे ससुर अर्जुन अवार्डी और ओलंपियन है। मैं यहां से जब घर लौटूंगी तो उन्हीं से ट्रेनिंग लूंगी। शादी के बाद से ही मैं अपने ससुर जी के अखाड़े में ट्रेनिंग कर रही हूं।”
यह पूछने पर कि यदि द्रोणाचार्य अवार्ड के लिये उन्हें किसी कोच का नाम देना पड़े तो वह किसका नाम देंगी, साक्षी ने स्पष्ट करते हुये कहा,“ मुझे यदि इस अवार्ड के लिये अपने कोच का नाम देना पड़े तो मैं अपने ससुर जी का नाम ही दूंगी। मेरे यह कहने के बाद अब स्पष्ट हो जाना चाहिये कि इस समय मेरे कोच कौन हैं।”