श्रीनगर, 07 अगस्त (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के नये उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि वह बिना किसी पक्षपात के राज्य की जनता की भलाई के लिये संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करेंगे।
श्री सिन्हा ने आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल की शपथ ग्रहण के बाद कहा कि बिना किसी भेदभाव के राज्य की जनता के कल्याणार्थ वह संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी वाजिब शिकायतें सुनी जायेंगी और हम उनके समाधान ढूंढने का प्रयास करेंगे। मेरा लक्ष्य है कि राज्य में विकास की बहार को आगे ले जाऊं।”
उपराज्यपाल ने कहा, “ भारत का कश्मीर स्वर्ग है । मुझे राज्य को आगे ले जाने में अपनी भूमिका निभाने का अवसर दिया गया है। पांच अगस्त एक महत्वपूर्ण तारीख है, इस दिन वर्षों तक जम्मू-कश्मीर अलग-थलग रहने के बाद मुख्यधारा से जुड़ा। वर्षों बाद यहां कई परियोजनाओं पर काम शुरु हुआ, मेरी प्राथमिकता इन परियोजनाओं के काम को तेजी से आगे बढ़ाने पर रहेगी।”
नरेंद्र मोदी सरकार ने गत वर्ष पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों और धारा 35 ए समाप्त कर दी थी और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। राज्य का पहला उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मु को बनाया गया था। श्री मुर्मू को केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर का एक वर्ष पूरा होने पर हटाकर श्री सिन्हा को यह जिम्मेदारी दी गई है। श्री मुर्मू को देश का नया नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) नियुक्त किया गया है।
मिश्रा टंडन
वार्ता