बेंगलुरु, 29 अप्रैल (वार्ता) भारतीय महिला हॉकी टीम की युवा मिडफील्डर सलीमा टेटे ने कहा है कि 2018 में हुए तीसरे यूथ ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतना उनके करियर का अहम मोड़ साबित हुआ।
टेटे ने उपकप्तान लालरेमसियामी के साथ मिलकर 2018 में ब्यूनस आयर्स में हुए तीसरे यूथ ओलंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम का नेतृत्व किया था और टीम ने रजत पदक जीता था। टीम के इस प्रदर्शन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी।
टेटे ने कहा, “तीसरे यूथ ओलंपिक खेलों में मैंने अपने खेल को सुधारा। मैं और लालरेमसियामी हर मैच से पहले एक दूसरे से कहते थे कि हमें टीम का सामने से नेतृत्व करना है जिससे टीम के अन्य खिलाड़ियों में आत्मविश्वास पैदा हो सके। मुझे इस टूर्नामेंट से काफी अनुभव मिला।”
19 वर्षीय टेटे ने कहा, “जब मैंने 2017 में सीनियर टीम में जगह बनायी तो मेरे पास आत्मविश्वास की कमी थी। मैं डरी हुई थी जिससे मेरे खेल पर असर पड़ा। यह मेरे लिए यादगार पदार्पण नहीं था।”
हालांकि टेटे टीम की मुख्य कोच शुअर्ड मरिने का भरोसा जीतने पर कामयाब रहीं और उन्हें सीनियर टीम में शामिल किया गया। युवा मिडफील्डर ने कहा, “टीम में शामिल सीनियर खिलाड़ियों ने मेरे प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए मेरी काफी मदद की। वे लगातार मुझसे बात करते थे और मेरा हौसला बढ़ाते थे जब भी हमारा ऑस्ट्रेलिया, स्पेन या जापान जैसी बड़ी टीम के साथ मुकाबला होता था। 2019 महिला टीम के लिए अच्छा रहा और टीम सही रास्ते पर है।”
टेटे ने कहा, “अगले एक वर्ष में अपने खेल में सुधार लाने के बहुत अवसर हैं। लॉकडाउन के दौरान हम अपनी फिटनेस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम ट्रेनिंग शुरु करेंगे। हम मानसिक तौर पर ओलंपिक के दौरान कड़ी चुनौतियां लेने के लिए तैयार हैं।”
शोभित राज
वार्ता