भारतPosted at: Oct 14 2021 9:07PM दिल्ली में निर्माण श्रमिकों का डाटा सार्वजनिक करने की मांग की मजदूरों ने
नयी दिल्ली 14 अक्टूबर (वार्ता) दिल्ली में भवन निर्माण मजदूरों के संगठन राष्ट्रीय भवन निर्माण संघ ने ‘दिल्ली भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड’ से राज्य में पंजीकृत मजदूरों का डाटा सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा है कि काेरोना काल के दौरान सभी पीड़ितों को पूरी सहायता दी जानी चाहिए।
बोर्ड की परामर्श समिति के सदस्य थानेश्वर दयाल आदिगाैड़ ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल कल देर शाम बोर्ड के सचिव अरुण कुमार झा से मिला और दिल्ली में निर्माण मजूदरों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने बोर्ड सचिव को एक ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिला कार्यालयों में लम्बित पड़े मजदूरों के पंजीकरण और नवीनीकरण के आवेदनों का शीघ्र निपटारा किया जाना चाहिए और पूरा मजदूरों का पूरा डाटा सार्वजनिक किया जाना चाहिए। मजदूर नेताओं ने आरोप लगाया कि ऑनलाइन आवेदन पर अधिकारी जानबूझ कर गलत आपत्तियां लगाते हैं और उनका निराकरण नहीं करते हैं जिससे श्रमिकों को कई योजनाओं के लाभ समय से नहीं मिल पाते हैं। आवेदन की राशि पर जमा धनराशि का ब्यौरा नहीं है। दिल्ली के कई जिलों में ऑनलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किये जा रहे हैं जिसके कारण मजदूरों के बैंक खाते में कोरोना राहत राशि नहीं आ रही है।
श्री आदिगाैड़ ने कहा कि काेरोना काल के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने निर्माण श्रमिकों को कई प्रकार से राहत देने की योजनायें शुरु की है। लेकिन तकनीकी खामियों के कारण अनेक श्रमिकों तक इनका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने कहा कि ये खामियां प्रशासनिक स्तर पर हैं और इनका निराकरण प्रशासन के स्तर पर ही किया जा सकता है।
मजदूर नेताओं का कहना है कि स्व प्रमाणन के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की अनदेखी की जा रही है।
सत्या जितेन्द्र
वार्ता