राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Dec 8 2019 9:45PM दूसरे प्रदेशों में भयावह परिस्थितियों में भी काम करने को विवश हैं बिहार के मजदूर : अरुण
पटना 08 दिसंबर(वार्ता) राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सेक्युलर के नेता और पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार ने आज दिल्ली के अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में आग लगने से मजदूरों की हुई मौत पर दुख जताते हुए आरोप लगाया कि बिहार सरकार की नाकामियों के कारण राज्य के मजदूर दो वक्त की रोटी के लिए न सिर्फ घर परिवार छोड़ने को बल्कि भयावह परिस्थितियों में भी काम करने को विवश हैं।
डॉ. कुमार ने राज्य में औद्योगीकरण के लिए नीतीश सरकार के प्रयासों को नाकाफी बताते हुए कहा कि मजदूरों के लिए राज्य में ही काम उपलब्ध कराने में नीतीश सरकार पूरी तरह विफल रही है, जिसके कारण बड़ी संख्या में बिहार के मजदूर अपना घर और परिवार छोड़कर दूसरे प्रदेशों में जानवरों से भी बुरी स्थिति में काम करने को विवश हैं। दिल्ली के अनाज मंडी की घटना इसी बात का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि बिहार से दूसरे प्रदेशों में जाने वाली हर ट्रेन के सामान्य डिब्बों में ऐसे मजदूर भेड़-बकरी की तरह सफर करते नजर आते हैं।
पूर्व सांसद ने कहा कि बिहार से दूसरे प्रदेशों में काम करने वाले मजदूरों का वहां शोषण होता है। इन मजदूरों का न तो कहीं निबंधन होता है और न ही राज्य सरकार के पास ही उनका कोई रिकाॅर्ड है। उन्होंने कहा कि अपने राज्य के लोगों के साथ हुई इस भयावह दुर्घटना के बाद भी राज्य सरकार की नींद नहीं टूटने वाली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब सत्ता में नहीं थे तब राज्य से पलायन करने वाले मजदूरों का आंकड़ा उनके पास उपलब्ध होता था लेकिन जब से उनकी सरकार बनी है तब से वह दावा कर रहे हैं कि जो मजदूर बिहार से बाहर रोजी-रोटी कमाने जाते हैं वह अपनी खुशी से दूसरे प्रदेशों में जाते हैं। बिहार में काम की कोई कमी नहीं है।
डॉ. कुमार ने बिहार में स्थिति को भयावह बताया और कहा कि अभी भी मुख्यमंत्री श्री कुमार राज्य में बंद पड़ी चीनी और जूट मिलों को फिर से चालू कराने की जहमत नहीं उठायेंगे। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा का बुरा हाल है।
शिवा सूरज
वार्ता