नयी दिल्ली 02 जून (वार्ता) ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चों तथा युवा पीढ़ी को भारतीय भाषाओं तथा साहित्य के प्रति संवेदनशील बनाने तथा पढ़ने तथा लिखने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से शु्क्रवार को साहित्य अकादमी की कार्यशाला ‘किस्सा-ओ-कलम’ का समापन हुआ।
अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कार्यशाला में भाग लेने वाले 75 बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किये। कार्यशाला का आयोजन 29 मई को शुरु हुआ। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी बच्चे एक संवेदनशील नागरिक और लेखक बनकर देश की प्रगति में सहयोग करेंगे। उन्होंने नवोदय योजना का परिचय भी दिया, जिसमें उभरते हुए युवा साहित्यकार अपनी प्रथम पुस्तक का प्रकाशन साहित्य अकादमी के सहयोग से करा सकते हैं।
साहित्य अकादमी ने पहली ऐसी कार्यशाला का आयोजन 2017 से शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह दो साल नहीं हो पाई थी। इस कार्यशाला का यह चौथा संस्करण था। कार्यशाला के लिए आठ से 16 वर्ष की आयु के बच्चों का चयन, उनके माता-पिता से बातचीत और बच्चों के साक्षात्कार के बाद, कौशल के आधार पर किया गया था।
सत्या, उप्रेती
वार्ता