खेलPosted at: Dec 26 2018 6:51PM कुश्ती महासंघ नहीं कर सकता हिंद केसरी का इस्तेमाल : रामाश्रय
नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (वार्ता) भारतीय शैली कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बुधवार को यहां कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) पारंपरिक शैली की राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन तो कर सकता है लेकिन वह हिंद केसरी जैसे टाइटल का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
रामाश्रय ने भारतीय शैली कुश्ती महासंघ के महासचिव और द्रोणाचार्य अवार्डी रोशनलाल के साथ यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों महासंघों का संविधान अलग अलग है जिसमें यह स्पष्ट बता रखा है कि डब्ल्यूएफआई गद्दे पर कुश्ती कराता है और उनका संघ मिट्टी पर कुश्ती का आयोजन करता है।
उन्होंने कहा,“ हमें इस बात से कोई एतराज नहीं है कि डब्ल्यूएफआई पहली पारंपरिक शैली की कुश्ती का आयोजन कर रहा है लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वह हिंद केसरी, भारत केसरी और रूस्तमे हिंद जैसे टाइटल का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।”
डब्ल्यूएफआई पहली बार 29 और 30 दिसंबर को महाराष्ट्र के पुणे में पहली पारंपरिक शैली की कुश्ती का आयोजन करने जा रहा है जिसमें बताया गया था कि वह हिंद केसरी टाइटल देगा। भारतीय शैली कुश्ती महासंघ ने इसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में शरण ली थी जिसने यह फैसला दिया कि भारतीय शैली कुश्ती महासंघ ही ऐसे टाइटल का आयोजन कर सकता है।
भारतीय शैली कुश्ती महासंघ 1958 में अस्तित्व में आने के बाद से ही मिट्टी पर दंगलों का आयोजन कर रहा है और उसने इस शैली में 50 राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की हैं जिनमें हिंद केसरी, भारत केसरी और रूस्तमे हिंद जैसे टाइटल दिये गये हैं।