लखनऊ, 1 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' (मुख्यमंत्री युवा) को लागू करने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह योजना प्रदेश के अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इस योजना के तहत, आगामी 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिससे प्रदेश के 1 लाख शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना है और प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है।
इस योजना के अंतर्गत आवेदक की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ पास होनी चाहिए, हालांकि इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, आवेदक को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत प्रशिक्षित होना अनिवार्य होगा, जैसे- विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति प्रशिक्षण योजनाएं और उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन कार्यक्रम।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सूक्ष्म उद्यमों और सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर ऋण पर अनुदान प्रदान किया जाएगा। यदि परियोजना की लागत 10 लाख रुपये तक है, तो शेष धनराशि का प्रबंध लाभार्थी को स्वयं करना होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को 12.5 प्रतिशत, और अनुसूचित जाति, जनजाति और दिव्यांगजन को 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।
योजना में बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों जैसे चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के लाभार्थियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन क्षेत्रों के लाभार्थियों को भी परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा। इस योजना में ऋण पर 4 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत ब्याज उपदान दिया जाएगा और लोन की तिथि से 6 माह की अधिस्थगन अवधि भी मिलेगी।
दूसरे चरण में 10 लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिए मिलेगी वित्तीय सहायता
इस योजना के तहत पहली बार लाभ पाने वाले युवा दूसरे चरण के लिए भी पात्र होंगे, जहां उन्हें अधिकतम 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना में डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा दिया गया है, जिसके तहत प्रति ट्रांजैक्शन 1 रुपये और अधिकतम 2000 रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा।
प्रदीप
वार्ता