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श्रमिकों में विश्वास नहीं जगा सकी योगी सरकार: अखिलेश

श्रमिकों में विश्वास नहीं जगा सकी योगी सरकार: अखिलेश

लखनऊ 28 जून (वार्ता) समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार श्रमिकों में विश्वास जगाने में पूर्णतया असफल रही है।

श्री यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश में एक करोड़ रोजगार देने का दावा कर रहे हैं लेकिन इसका ब्यौरा नहीं है कि कहां कितनों को कौन काम मिला है। बस हवाई आंकड़े ही पेश किए जा रहे है। यह श्रमिकों के साथ धोखा है। जिस तरह भाजपा ने झूठे वादों पर लोगों को बहकाया, उसी तरह वह रोजगार के मामले में भी श्रमिकों को धोखा दे रही है। दिव्य गणितज्ञ मुख्यमंत्री का गणित भी दिव्य है। बिना जमीन या खेत के वे फसल लहलहा देते हैं, हर श्रमिक को घर बैठे रोजगार दे रहे हैं। एक एमओयू से दस उद्योग जादू की छड़ी से पैदा कर देते हैं। यह बात अलग है कि उत्तर प्रदेश विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है।

उन्होने कहा कि वास्तव में झूठ ही भाजपा का सच है। आखिर श्रमिक यह क्यों कह रहे हैं कि अगर उत्तर प्रदेश में रोजगार की व्यवस्था होती तो वह वापस क्यों जाने की सोचते। प्रदेश में अन्य जगहों से केवल अकुशल श्रमिक ही नहीं आए हैं उनमें कई कुशल श्रेणी के लोग भी हैं। कोई उद्योग लगा नहीं है जहां भाजपा सरकार उन्हें खपाएगी। समाजवादी सरकार ने जो विश्वस्तरीय योजनाएं बनाई थीं उनको रोककर भाजपा ने अतिकुशल मानव शक्ति के उपयोग का रास्ता ही बंद कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मनरेगा का काम कई जिलों में तीन वर्ष से बंद है। मनरेगा में काम करने वाले मजदूर को इस बीच कोई दूसरा काम भी नहीं मिल पाया। इससे इन तमाम श्रमिकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। किसी तरह कर्ज लेकर अपने परिवार के लिए वे दो वक्त की रोटी भी जुटाना मुश्किल हैं। वैसे भी मनरेगा में एक वर्ष में 100 दिन ही काम कराने की व्यवस्था है। ऐसे तमाम श्रमिक जो 265 दिन बिना कोई काम रहते हैं और अर्द्ध बेकारी के शिकार हैं। उन्हें लगभग बेरोजगारों की श्रेणी में भी रखा जा सकता है।

प्रधानमंत्री कोरोना संकट से निबटने में जिस राज्य सरकार को माॅडल बताते हैं उसमें करोना मरीजों की संख्या रोज बढ़ती जाती है।

प्रदीप

वार्ता

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