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लोकरुचि


योगी ने गोरखनाथ मंदिर में चढ़ायी खिचड़ी

योगी ने गोरखनाथ मंदिर में चढ़ायी खिचड़ी

गोरखपुर 15 जनवरी (वार्ता) सूर्य के बुधवार तड़के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही नाथ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध शिवावतारी गोरक्षनाथ मंदिर में परम्परागत रूप से खिचड़ी चड़ाने का क्रम शुरू हो गया है।

    त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले शिवावतारी बाबा गोरखनाथ को खिचड़ीचढ़ायी।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                

    सदियों से गोरक्षनाथ मंदिर में मकर संक्रान्ति के दिन खिचडी में “कच्चा चावल,  दाल और तिल, चढाने की परम्परा रही है।    

   मान्यता के अनुसार योगी गोरखनाथ हिंमाचल प्रदेश के कांगडा के ज्वाला मंदिर से भ्रमण के बाद गोरखपुर आये थे और यहीं से उन्होंने अपने योग स्थल पर मकर संक्रान्ति के दिन खिचडी चढ़ाने की शुरूआत की थी।

    पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अलावा बिहार तथा पडोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु खिचडी चढाने आते हैं। शाम पांच बजे तक लाखों श्रद्धाओं ने शिवावतारी गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ायी और अभी यह सिलसिला जारी है।  


   श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित भीम सरोवर में पहले स्नान करते हैं और उसके बाद योगी गोरखनाथ का दर्शन करने के बाद खिचड़ी चढ़ाते हैं। इस भीम सरोवर में देश के सभी पवित्र नदियों का पानी डाला गया हैै। गोरखनाथ मंदिर परिसर में एक माह तक चलने वाला भव्य मेला भी आज से शुरू हो गया है जिसे खिचड़ी मेला कहा जाता है।

     खिचड़ी चढ़ाने के लिये पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत बिहार ,उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात तथा अन्य प्रान्तों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब गोरखनाथ मंदिर में एकत्र होता हैं। प्रतिवर्ष 14 या 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही नाथ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध शिवावतारी गोरक्षनाथ मंदिर में परम्परागत रूप से खिचड़ी चढ़ाने का क्रम शुरू हो जाता है। निर्धारित मुहूर्त में सबसे पहले गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा खिचड़ी चढ़ायी जाती है।

    मकर संक्रांति के तैयारियों के सिलसिले में शहर के चौराहा तथा गलियों में चूड़ा लाई पट्टी तिलकुट तथा गजक की दुकानें सजी है।  पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार तथा पड़ोसी देश नेपाल में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

    आगरा का तिल लड्डू, बिहार का तिलकुट बंगाल का रामदाना, कानपुर की गजक एवं लखनऊ की रेवड़ी इस बार लोगों को खूब भा रही है। परम्परागत वस्तुओं के साथ ही साथ इस समय सजावटी सामानों की भी भरमार है।

 गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रान्ति के अवसर पर एक माह तक चलने वाला खिचड़ी मेला में पहले से दुकानें सज गयी ।

    सुरक्षा के मददेनजर मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड रहा है। भारी संख्या में पुलिस, पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में स्वयं सेवक मंदिर के तरफ से लगाये गये हैं। इसके अलावा एनसीसी, स्काउट गाइड और स्वयंसेवी संगठनों ने मेंला में आये श्रद्धालुओं को विशेष सहयोग देने का काम कर रहे हैं।

     खिचड़ी चढ़ाने का सिलसला देर रात तक चलने का अनुमान है जिसमें लगभग दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी चढ़ाने की सम्भावना है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आने के मददेनजर यातायात पुलिस ने गोरखनाथ क्षेत्र में यातायात व्यवस्था में फेरबदल भी किया है।

    गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण लगातार कर रहे हैं कि दूर दराज और ग्रामीण क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई कठिनायी न होने पाये।

   पुलिस सूत्रों ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ द्वारा शिवावतारी गोरक्षनाथ को खिचडी चढाने का क्रम तडके से जारी है और अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

उदय भंडारी

वार्ता
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