लखनऊ 24 मार्च (वार्ता) आम आदमी पार्टी (आप) ने योगी सरकार के ‘हैपीनेस करिकुलम’ कार्यक्रम का मजाक उड़ाते हुये कहा कि स्कूलों की दशा में सुधार किये बगैर ऐसे किसी कार्यक्रम के प्रचार प्रसार का कोई औचित्य नहीं है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने बुधवार को कहा कि यूपी सरकार की ओर से आगामी सत्र से मथुरा के स्कूलों से हैपीनेस करिकुलम की शुरुआत करने की बात कही जा रही है। इस तरह के काम के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वह कर दिखाया है। केजरीवाल सरकार ने पहले स्कूलों की स्थिति सुधारी पूरे मनोयोग से, बच्चों को पढ़ने का एक बेहतर माहौल दिया जा रहा है। स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत अच्छा किया जिस की तारीफ आज देश विदेश सब जगह की जा रही है।
उन्होने कहा कि शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए विदेशों में भेजा जा रहा है, दिल्ली के सरकारी स्कूलों का रिजल्ट प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हुआ है जबकि यूपी के स्कूल टूटे-फूटे और बदहाल हैं। योगी सरकार मिड डे मील में बच्चों को नमक रोटी खिलाती है। बच्चों को वितरण किए जाने वाले जूता, मोजा स्वेटर में दलाली खाती है। शिक्षा का बजट कम होता जा रहा है, स्कूलों की हालत दयनीय है तमाम स्कूल भवन जर्जर हो चुके हैं। स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की बहुत कमी है न फर्नीचर है, ना पर्याप्त मात्रा में स्कूलों में शिक्षक है, न टॉयलेट है, ना पानी है, शिक्षकों की शिक्षा के अलावा तमाम जगह ड्यूटी लगाई जाती है जिससे शिक्षक बच्चों को पूरी तरीके से पढ़ाने में समय नहीं दे पाते हैं।
श्री माहेश्वरी ने कहा कि शिक्षक जब अपनी जायज भर्ती के लिए सरकार से मांग करते हैं तो उन्हें लाठियों से पीटा जाता है। पठन- पाठन के अलावा शिक्षकों से बहुत सारे काम लिए जा रहे हैं। यूपी सरकार पहले शिक्षकों को गरिमामय माहौल दे, वरना उनके ऐसे प्रताड़ना भरे माहौल में खुशी की शिक्षा देने का ऐलान हास्यास्पद है। योगी सरकार का शिक्षा सुधार से कोई भी लेना देना नहीं है।
प्रदीप
वार्ता