..पुण्यतिथि 10 जुलाई के अवसर पर..
मुंबई 09 जुलाई (वार्ता) भारतीय सिनेमा जगत में जोहरा सहगल का नाम एक ऐसी अभिनेत्री-नृत्यांगना के तौर पर याद किया जायेगा जिन्होंने लगभग सात दशक तक अपने अभिनय से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया।
विलक्षण प्रतिभा और ऊर्जा से भरपूर जोहरा सहगल एक ऐसी अभिनेत्री थी जिसने फिल्मी दुनिया की चार पीढ़ियों पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर के साथ भी काम किया। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में 27 अप्रैल 1912 को जन्मीं जोहरा का जीवन के प्रति उत्साह और उनके मोहक अंदाज देखते ही बनता था। जोहरा सहगल जब एक साल की थी तब उनकी बांई आंख की रोशनी चली गई। उस समय तीन लाख पाउंड खर्च कर लंदन के एक अस्पताल में उनका इलाज कराया गया तब आंख की रोशनी लौटी। जोहरा की पढ़ाई लड़कों के स्कूल में हुई इसलिए उनका स्वभाव अल्हड़ था। बताया जाता है कि जोहरा स्कूली दिनों में पेड़ों पर चढ़ जाया करती और लड़कों जैसी शरारत करती थींं।
जोहरा का मतलब है गुणी और हुनरमंद स्त्री। वर्ष 1929 में मैट्रिक और 1933 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद जोहरा ने नृत्यांगना बनने का सोचा। उन्होंने जर्मनी में उदयशंकर का शिव-पार्वती नृत्य देखा और उनके अल्मोड़ा स्कूल में भर्ती हो गईं। ख्वाजा अहमद अब्बास ने जोहरा सहगल को ...भारत की इंसाडोरा डंकन.. कहा था। जोहरा सहगल ने अपने करियर की शुरूआत बतौर डांसर वर्ष 1935 में उस जमाने के जानेमाने डांसर उदय शंकर के साथ की। उदय शंकर के साथ जोहरा सहगल ने जापान.मिस्र.यूरोप और अमेरिका सहित कई देश में अपने डांस कार्यक्रम पेश किए। वर्ष 1942 में जोहरा सहगल ने वैज्ञानिक.पेंटर और डांसर कमलेश्वर सहगल से शादी कर ली।
बतौर अभिनेत्री जोहरा सहगल ने अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1946 में प्रदर्शित फिल्म ‘धरती के लाल’ से की। इप्टा के सहयोग से बनी ख्वाजा अहमद अब्बास निर्देशित पहली फिल्म धरती के लाल से बलराज साहनी ने भी बतौर अभिनेता अपने करियर का आगाज किया था। इसी वर्ष जोहरा सहगल को एक और फिल्म नीचा नगर में भी काम करने का अवसर मिला।
वर्ष 1950 में जोहरा सहगल को चेतन आनंद के निर्देशन में बनी फिल्म अफसर में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में देवानंद ने मुख्य भूमिका निभायी थी। फिल्म हालांकि टिकट खिड़की पर कामयाब नहीं हुई लेकिन जोहरा के अभिनय को दर्शकों ने अवश्य पसंद किया। इसके बाद जोहरा सहगल ने कुछ फिल्मों में कोरियोग्राफर के तौर पर भी काम किया।
जोहरा सहगल ने अपने करियर के दौरान हिंदी फिल्मों के अलावा कई अंग्रेजी फिल्मों में भी काम किया। जोहरा सहगल ने 14 साल तक पृथ्वी थियेटर के साथ काम किया। वह भारतीय जन नाट्य संघ ‘इप्टा’ से भी जुड़ी रहीं। उनके उल्लेखनीय योगदान को देखते हुये भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1998 में पद्मश्री, वर्ष 2002 में पद्मभूषण और वर्ष 2010 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
वर्ष 2007 में जोहरा सहगल ने ‘चीनी कम’ में अमिताभ बच्चन की मां की भूमिका निभायी। वर्ष 2007 में ही प्रदर्शित फिल्म सांवरिया में भी उन्होंने काम किया था। संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म सांवरिया से रणबीर कपूर और सोनम कपूर ने अपने करियर की शुरूआत की थी। वर्ष 2012 में जोहरा सहगल ने जब 100 साल पूरे किए थे तब अमिताभ बच्चन ने उन्हें 100 साल की बच्ची कहा था। अमिताभ ने कहा था कि जोहरा एक छोटी सी बच्ची की तरह है और इस उम्र में भी उनकी असीमित ऊर्जा देखते ही बनती है। अमिताभ ने कहा था, “मैंने उन्हें कभी भी निराश या किसी दुविधा में नहीं देखा। वह हमेशा हंसती-खिलखिलाती रहती हैं।” अमिताभ ने बताया था कि चीनी कम के सेट पर जोहरा हमेशा सबको बड़े प्यार से पुरानी कहानियां सुनाया करती थीं।
जोहरा कहती थीं कि उनकी लंबी उम्र का राज लंबे समय तक सक्रिय रहना था। वह कहती थीं कि अगर आप निष्क्रिय होकर घर पर बैठ गए तो लीजिए आप खत्म हो गए। जोहरा सहगल ने अपने करियर के दौरान हम, दिल से, दिल दे चुके सनम और वीर जारा जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया था। वर्ष 1962 में जोहरा लंदन चली गयी और 25 वर्ष बाद भारत लौटीं। उन्होंने वर्ष 1976-77 में बीबीसी द्वारा बनाये गये धारावाहिक ‘पड़ोसी’ से बहुत नाम कमाया। वर्ष 1984 में सीरियल ‘ज्वेेल इन द क्राउन’ में लेडी चटर्जी का रोल उनके करियर का चरम बिंदु था। इसके बाद जोहरा ने बहुचर्चित सीरियल ‘तंदूरी नाइट्स’ में काम किया। वर्ष 1997 में जोहरा ने अपनी आत्मकथा ‘स्टेजेज’ लंदन से प्रकाशित की थी। अपने अभिनय से दर्शकों के बीच खास पहचान बनाने वाली जोहरा सहगल 10 जुलाई 2014 को इस दुनिया को अलविदा कह गयी ।
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