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लोकरुचि


मैहर में आठ लाख श्रद्धालु कर चुके देवी दर्शन

मैहर में आठ लाख श्रद्धालु कर चुके देवी दर्शन

सतना 23 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर में विराजीं शारदा देवी माँ के मंदिर में अभी तक करीब आठ लाख से अधिक श्रद्धालुओं द्वारा देवी शारदा मां की दर्शन कर पूजा पाठ किया गया।

शक्तिपीठ के रूप में जाने जानी वाली इस प्रसिद्ध देवी के मंदिर में चैत्र नवरात्र पर्व के आज छठें दिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु ने शारदा माँ का दर्शन किया। इसे मिलाकर आज तक करीब आठ लाख से अधिक श्रद्धालु शारदा माँ की दर्शन कर लिये है। आज सुबह दस बजे के बाद से ही तेज गर्मी का असर महसूस किया गया। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की अस्था में कमी नही देखी गई। मंदिर के मुख्य द्वार से श्रद्धालुओं की कतार लगी थी।

सड़क मार्ग से 600 फीट ऊंचाई त्रिकूट पर्वत पर विराजमान देवी शारदा का मंदिर बना हुआ है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 1063 सीढ़ियां है। इसके सहारे श्रद्धालु माँ की दर्शन और पूजन व अराधना के लिए मंदिर पहुंचते है। सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ अष्टमी के दिन होता है। इस दिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा कई उपाये किया जाता है।

मंदिर के प्रांगण में देवी भक्त माँ की अराधाना में दिखाई दिए। देश के कोने-कोने से आये देवी भक्तों की महिमा देखते ही बनती है। देवी माँ को प्रसंन्न करने में जगह-जगह झूंड में बैठी महिलाएं देवी महिमा की गीत गाते दिखाई दिये। तो कहीं पर ढोलक पर देवी महिमा गाते हुए महिलाएं नजर आयी। माँ का अार्शीवाद पाने के लिए कई श्रद्धालु दंडवत् करते दिखाई दिए।

देवी के प्रांगण में बैठकर दूर दराज से आयी ग्रामीण महिलाएं अपने-अपने परिवार की खुशियों के लिए ढोलक पर देवी महिमा के गीत गाती हुई दिखाई दी। माँ को परिवार पर कृपा बनाये रखने के लिए ग्रामीण महिलाएं लोकगीत के माध्यम से देवी महिमा के गीत गाते दिखाई दी। प्रांगण में श्रद्धालु अपनी ललाट पर देवी की चुनरी बांधे माँ के जयकारे लगा रहे थे।

मैहर में कल से श्रद्धालुओं की भीड़ बनने की संभावना है। धर्म और अध्यात्म में अष्टमीं के दिन देवी की विशेष महिमा होने के कारण यहां काफी भीड़ रहती है। यहां इस दिन मंदिर में इतनी भीड़ रहती है कि लोगों को पांव रखने के लिए जगह कम पड़ते है। ऐसे में भीड़ से निपटने के लिए और अनहोनी से बचने के लिए जिला प्रशासन ने अभी से उपाय कर रखे हैं।

सरस्वती पीठ कहलाने के कारण ही शास्त्रीय संगीत के पितामह कहे जाने वाले विख्यात सरोद वादक उस्ताद आल्लाउद्दीन खान ने यहां संगीत की साधना की हैं। माँ को प्रसन्न और उनकी आर्शीवाद पाने के लिए महान योद्धा आल्हा और उदल ने भी 12 साल तक घोर तपस्या किया। अमरत्व आल्हा आज भी सबसे पहले माँ शारदा की पूजन करता है। मंदिर का जब पट सुबह में खुलता है तो देवी मां के चरणों पर दो ताजे फूल अर्पित मिलते हैं।

पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अरविंद तिवारी ने बताया कि मैहर में अभी तक आठ लाख से अधिक श्रद्धालु देवी माँ की दर्शन कर चुके है।

नाग

वार्ता

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