राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jun 19 2019 8:07PM अधिकरण बनने से विवादों के पेंच और उलझेंगे : मसूद
लखनऊ 19 जून (वार्ता) राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष डा मसूद अहमद का दावा है कि शिक्षा सेवा अधिकरण के अस्तित्व में आने से शिक्षको तथा कर्मचारियों के विवादों का निपटारा सुलभ होने की अपेक्षा दुर्लभ हो जायेगा।
डा अहमद ने बुधवार को कहा कि सरकार की यह योजना साकार रूप लेने में काफी समय लेगी और न्यायालयों में लम्बित विवाद और लम्बित हो जायेंगे। सरकार के अधीन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग पिछले दो दशकों से पंगु है। थोडे बहुत प्रयास से बीच बीच में आयोग सक्रिय हो जाता है लेकिन उसके सकारात्मक परिणाम बहुत कम देखने को मिलते हैं।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार की शिक्षा के प्रति उदासीनता ने परिषदीय विद्यालयों में लगभग एक लाख पद रिक्त पडे हैं तो दूसरी ओर माध्यमिक शिक्षा में भी लाखों की तादात में पद रिक्त हैं और सरकार उनको भरने में कोई रूचि नहीं रख रही है। मौजूदा सरकार में तीसरा शैक्षिक सत्र प्रारम्भ हुये भी दो माह बीत चुके हैं।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों और सहायता प्राप्त एवं राजकीय कालेजों की सरकार द्वारा लगातार उपेक्षा का ही परिणाम है कि जगह जगह पर प्राइवेट स्कूल और कालेजों ने अपनी धाक बना रखी है और अच्छी शिक्षा प्रदान करके जनता का विश्वास जीत रहे हैं। सरकार में बैठे मंत्री केवल प्राइवेट स्कूल और कालेजों की आलोचना करने में व्यस्त रहते हैं क्योंकि उन पर सरकार का वृहद नियंत्रण नहीं होता।
उन्होने कहा कि आलोचना के बजाय मंत्री सरकारी स्कूलों और कालेजों के साथ साथ सहायता प्राप्त स्कूल और कालेजों की साज सज्जा और शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर विचार करे तो प्रदेष का भविष्य संवर सकता है।
प्रदीप
वार्ता