राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jul 11 2020 7:46PM अपर मुख्य सचिव ने किया स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का निरीक्षणवाराणसी, 11 जुलाई (वार्ता) उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव डॉ देवेश चतुर्वेदी ने कोरोना वायरस एवं डेंगू के मद्देनजर शनिवार को वाराणसी की स्वास्थ्य सेवाओं एवं साफ-सफाई की व्यवस्था का निरीक्षण किया। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, रामनगर नगर पालिका में सफाई अभियान, संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम, सारनाथ में स्वच्छता कार्यक्रम आदि का निरीक्षण किया कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने ने कोविड-19 के मरीज़ से सीसीटीवी के माध्यम बातचीत कर हालचाल जाना। खाना, डॉक्टर, दवाई, साफ सफाई आदि तमाम बिंदुओं पर उनकी राय ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्पताल में भर्ती एवं इलाज करा रहे कोविड मरीज के परिवारिजनों से प्रतिदिन फोन पर बात कर स्थिति के बारे में बतायें। अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि प्रति दिन डॉक्टर कम से कम दो बार कोविड वार्ड में जाकर मरीजों को देखें। मरीजों को नाश्ता, खाना समय पर एवं समुचित मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए। चादर रोज बदली जाएं। टॉयलेट आदि की निरंतर साफ सफाई की जाये। डॉ0 चतुर्वेदी ने रामनगर नगर पालिका क्षेत्र में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के निरीक्षण के दौरान कुछ खाली पड़े प्लाटों में जलभराव एवं गंदगी पर उसे तत्काल साफ कराने के साथ संबंधित प्लाट मालिकों को नोटिस भेजने को भी कहा। सार्वजनिक स्थलों पर निरंतर साफ सफाई, कीटनाशकों का छिड़काव करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गत वर्ष वाराणसी में डेंगू के 522 मरीज पाये गए थे। इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होनी चाहिए। कहीं भी अनावश्यक रूप से पानी इकट्ठा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि संचारी रोग नियंत्रण, विशेषकर डेंगू रोकथाम हेतु उपायों एवं मानकों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध नोटिस एवं चालान करने की कार्रवायी की जाये। डॉ देवेश ने सारनाथ में स्वच्छता कार्यक्रम के निरीक्षण के दौराना अनुसूचित जाति की बस्तियों में विकास कार्यों को देखा तथा स्वच्छता के प्रति आम लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संचारी रोग नियंत्रण से लोगों को जागरूक किया जाए। उन्होंने शहरी एवं नगरीय क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति पर जोर देते हुए पेयजल की निरंतर जांच करने के निर्देश दिए ताकि डायरिया जैसी पेयजल जनित बीमारी से बचा जा सके। डॉ देवेश ने जोर देकर कहा कि स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, ताजी शुद्ध खाना आदि छोटी-छोटी सावधानियों से अधिकांश बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके लिए जागरूकता एवं सजगता रखनी जरूरी है। बीरेंद्र प्रदीपवार्ता