राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: May 19 2019 6:24PM अफ्रीकन तकनीक से हाथियों के उत्पात से बचाया जा रहा हैउमरिया 19 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में अफ्रीकन तकनीक का इस्तेमाल कर हाथियों को उत्पात करने से रोकने के लिए उन्हें साउंड सिस्टम द्वारा बाघ व मधुमक्खियों की आवाज सुनाकर बसाहट क्षेत्र में जाने से रोकने नवाचार सफल हो रहा है ।बांधवगढ़ नेशनल पार्क के संयुक्त संचालक सिद्धार्थ गुप्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ के उत्पाती हाथियों ने विगत छः माह पूर्व संजय राष्ट्रीय उद्यान सीधी में जम कर आतंक मचाने के बाद जब बांधवगढ़ नेशनल पार्क की सीमा में प्रवेश किया उस समय पूरे क्षेत्र में हाथियों को लेकर दहशत फैली थी और इस बात को लेकर भी चिंता थी कि आखिर इन्हें बसाहट क्षेत्र में जाने से कैसे रोका जाय जिससे जनहानि न हो सके। उन्होंने बताया कि हाथी के जब बच्चे होते है उस दौरान वे बाघ का सामना करने और मधुमक्खियों से बचते है और बांधवगढ़ आने वाले 38 हाथियों के झुंड में 3 बच्चे भी शामिल है इसको देखते हुए नेशनल पार्क प्रबंधन ने अफ्रीकन तकनीक का इस्तेमाल कर हाथियों को उत्पात करने से रोकने के यह कदम उठाया गया। श्री गुप्ता ने बताया कि इस नवाचार से क्षेत्र मेें जहां कोई हानि हाथियों ने नहीं पहुंचाया है वहीं वे बांधवगढ के पनपथा क्षेत्र में सुरक्षित भी है। उन्होंने बताया कि उन पर नजर रखने के लिये 6 कैमरे लगाने के साथ सुरक्षा में लगे पेट्रोलिंग वाहन और विशेष सुरक्षा कर्मियों को सांउड सिस्टम दिया गया है जिनमें पेनड्राइव के मध्यम से बाघ व मधुमक्खियों की आवाज है और जैसे ही ये छत्तीसगढ़ के हाथियों के दल का ग्रामीण क्षेत्रों की ओर बढने का प्रयास होता है वैसे ही ये सांउड सिस्टम आन कर दिया जाता है जिसमें बाघ व मधुमक्खियों की आवाज सुनकर हाथियों के झुंड पुनः जंगल में ही रह जाते है। उन्होंने बताया कि अफ्रीकन तकनीक का बांधवगढ़ में सफल प्रयोग होने से आंतक फैलाने वाले हाथी पूर्णतया शांत है और बांधवगढ़ नेशनल पार्क के जंगलों के प्रति अभ्यस्त भी हो रहे हैं।सं नागवार्ता