भारतPosted at: Sep 24 2018 10:16PM अयोध्या विवाद: फारूकी मामले में शुक्रवार को आ सकता है फैसला
नयी दिल्ली, 24 सितम्बर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय में जारी अयोध्या विवाद से संबंधित एक पहलू को संविधान पीठ को भेजे जाने या न भेजे जाने को लेकर 28 सितंबर को फैसला आ सकता है।
शीर्ष अदालत इस पर फैसला सुना सकता है कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का आंतरिक हिस्सा है या नहीं। अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का विवाद शीर्ष अदालत में लंबित है। अयोध्या की जमीन किसकी है, इस पर अभी सुनवाई की जानी है।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने इस मामले में एक सीमित सवाल को संविधान पीठ को भेजने या न भेजने को लेकर सुनवाई की थी और गत 20 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
यह मसला 1994 के इस्माइल फारूकी बनाम भारत सरकार मामले में न्यायालय के उस फैसले से जुड़ा है जिसमें न्यायालय ने कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। ऐसे में इस फैसले के संविधान पीठ द्वारा दोबारा परीक्षण की आवश्यकता जतायी गयी है।
न्यायालय ने कहा है कि वह इस पहलू पर फैसला लेगा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले को दोबारा समीक्षा के लिए संविधान पीठ भेजा जाये या नहीं। इसी मसले पर फैसला सुरक्षित रखा गया था।
सुरेश जितेन्द्र
वार्ता