नयी दिल्ली, 21 जनवरी (वार्ता) दुनिया की सबसे मुश्किल रेसों में से एक डकार के 2019 के संस्करण को पूरा करने वाले एकमात्र भारतीय अरविंद केपी ने अभी से अपनी नजरें डकार 2020 पर टिका दी हैं और उनका अगला लक्ष्य अगले वर्ष की रेस को भी पूरा करना है।
डकार 2019 में 37 वां स्थान हासिल करने वाले शेरको टीवीएस रैली फैक्ट्री टीम के अरविन्द ने इस साल के अपने अभियान पर सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा, “2019 का संस्करण डकार रैली के इतिहास में सबसे मुश्किल था और 55 प्रतिशत बाइकर्स ही इस साल रैली को पूरा कर पाए। इस तथ्य से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार की रैली कितनी मुश्किल थी।”
डर्ट ट्रैक, रैली और मोटरक्रॉस फॉर्मेट में 17 राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीत चुके 34 वर्षीय अरविन्द ने 11 दिन की इस रैली में रेत, बीच और पहाड़ियों में उतार चढ़ाव से गुजरते हुए 37वां स्थान हासिल किया था। वह डकार 2019 में फिनिश लाइन पार करने वाले एकमात्र भारतीय रहे। अरविन्द तीसरी बार डकार में उतरे और तमाम बाधाओं के बावजूद इसे पूरा करने में कामयाब रहे।
अरविन्द ने टीवीएस रेसिंग के टीम मैनेजर बी सेल्वाराज के साथ कहा, “इस बार की रैली इसलिए भी मुश्किल थी क्योंकि रैली के अधिकतर चरण रेत पर थे। लेकिन जब हालात मुश्किल हों आपको ठंडे दिमाग से रेसिंग करनी होती है। मैंने शुरूआती चरण में सधी शुरुआत की और दूसरे हाफ में गति पकड़कर अपनी स्थिति में सुधार किया।”
उन्होंने कहा, “डकार के आखिरी से पहले के चरण में मुझे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। मेरी बाइक रेत के टीलों में ख़राब हो गयी थी। मैंने कुछ दर्शकों की मदद ली और फिनिश लाइन पार करने में सफल रहा।”
अरविन्द ने साथ ही कहा, “यह अहसास वाकई अद्भुत है कि मैंने डकार को पूरा किया है। जब मैंने फिनिश लाइन पार की तो मैं काफी राहत महसूस कर रहा था। मैंने इस लम्हे का तीन साल तक इन्तजार किया था। मेरे लिए इस उपलब्धि पर अपनी भावनाएं व्यक्त करना काफी मुश्किल है। फिलहाल मैं अब तक उस लम्हे का आनंद ले रहा हूं।”
अगले लक्ष्य के लिए अरविन्द ने कहा, “मेरा अब अगला लक्ष्य 2020 की डकार रैली को फिनिश करना रहेगा जिसके लिए मैं अपनी तैयारी को मजबूत करूंगा और पूरे साल चोटों से दूर रहना चाहूंगा। मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए टीवीएस रेसिंग को धन्यवाद देना चाहता हूं।”