भारतPosted at: Sep 26 2018 7:41PM आईएलएंडएफएस घोटाले की व्यापक जांच हो:कांग्रेस
नयी दिल्ली, 26 सितम्बर (वार्ता) कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि विदेशी निवेशकों के पैसे की चिंता में मोदी सरकार गैर बैंकिंग कंपनी इन्फ्रास्ट्रकचर लीजिंग एंड फाइनेशियल सर्विसेस लिमिटेड (आईएलएंडएफएस) को डूबने से बचाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय कंपनियों पर दबाव बना रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह कंपनी 91000 करोड़ रुपए के घोटाले में फंसी है। सरकार की अनदेखी के चलते यह कंपनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गयी है और इसे बचाने के लिए अब प्रधानमंत्री कार्यालय सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय कंपनियों पर अनुचित दबाव बना रहा है।
पार्टी ने इस पूरे मामले की व्यापक जांच कराने की मांग की है और कहा है कि जब आईएलएंडएफएस लगातार घाटे की तरफ बढ रही थी तो इसको रोकने के लिए निदेशक मंडल में बैठे सरकार के लोग क्या कर रहे थे। उन्होंने कंपनी को बचाने के लिए जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए गए और अब किस आधार पर एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानाें से लोगों का पैसा विदेशी निवेशकों को बचाने की साजिश की जा रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि आईएलएंडएफएस में विदेशी निवेशकों का भारी पैसा फंसा हुआ है और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया तथा सेंट्रल बैंक जैसे संस्थानों पर कंपनी को बचाने के लिए निवेश करने का दबाव बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आईएलएंडएफएस का कर्ज में डूबना और उसे बचाने के सरकार के अनुचित प्रयास से साफ संकेत हैं कि मोदी सरकार के 52 महीने के आर्थिक कुप्रबंधन के कारण देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट की तरफ बढ रही है।
अभिनव जितेन्द्र
वार्ता