खेलPosted at: Aug 4 2020 9:42PM आईपीएल का साथ छोड़ सकती है चीनी मोबाइल कंपनी वीवो
नयी दिल्ली, 04 अगस्त (वार्ता) भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव का असर अब खेलों पर दिखाई देने लगा है और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टाइटल प्रायोजक चीन की मोबाइल कंपनी वीवो भारत में उठे कड़े विरोध स्वर के बाद आईपीएल का इस सत्र में साथ छोड़ सकती है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईपीएल के 13 वें संस्करण को 19 सितम्बर से 10 नवम्बर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कराने की घोषणा की है। आईपीएल की संचालन परिषद ने गत रविवार को यह घोषणा करने के साथ बताया था कि वीवो सहित उसके सभी प्रायोजकों को बरकरार रखा गया है लेकिन इसके बाद देश में विरोध के स्वर उठे कि कैसे बीसीसीआई एक चीनी कंपनी को आईपीएल का टाइटल प्रायोजक बनाये रख सकती है जबकि सीमा पर चीन के साथ तनाव में भारतीय सैनिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
बीसीसीआई और वीवो ने अभी तक आधिकारिक रूप से कोई घोषणा नहीं की है लेकिन मीडिया में यह खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं कि वीवो का आईपीएल के साथ नाता टूट गया है। यह भी कहा जा रहा है कि यह करार फिलहाल इस साल के लिए टूटा है।
वीवो का बीसीसीआई के साथ 2017 में पांच साल के लिए 2199 करोड़ रुपये का करार हुआ था जो 2022 में समाप्त होना है। यदि करार इस साल के लिए टूटता है तो वीवो अगले साल टाइटल प्रयोजन के लिए लौट सकती है। इस साल करार टूटने की स्थिति में बीसीसीआई के आईपीएल-13 के लिए नया टाइटल प्रायोजक ढूंढना होगा।
जून में भारत और चीन के बीच राजनीतिक तनाव के बाद बीसीसीआई ने कहा था कि आईपीएल से सम्बंधित प्रायोजन करार की समीक्षा करेगा लेकिन भारतीय बोर्ड ने किसी ब्रांड का नाम नहीं लिया था। दो दिन पहले आईपीएल की संचालन परिषद की बैठक के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने बयान जारी कर कहा था कि आईपीएल 19 सितम्बर से 10 नवम्बर तक यूएई में खेला जाएगा और वीवो इसका टाइटल प्रायोजक होगा।
इस बीच कई फ्रैंचाइजी का कहना है कि आईपीएल ने उन्हें अभी कोई सूचना नहीं दी है। समझा जाता है कि हर फ्रैंचाइजी को वीवो अनुबंध से 20 करोड़ रुपये मिलते हैं।
वीवो ने 2015 में दो वर्ष के लिए आईपीएल का टाइटल प्रायोजन हासिल किया था और फिर उसे 2017 में पांच साल के लिए बरकरार रखा था।
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वार्ता