भारतPosted at: Feb 19 2019 11:08PM आतंकवाद मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन: आयोग
नयी दिल्ली 19 फरवरी (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलवामा आतंकवादी हमले को मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हुए कहा है कि इन हमलों को अंजाम देने वालों को मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
आयोग ने आज यहां जारी वक्तव्य में इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि वह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 से भी अधिक जवानों की आतंकवादी हमले में मौत से चिंतित है। मानवाधिकार संस्था ने कहा कि सुरक्षा बल देश में कानून का शासन बनाये रखने के साथ-साथ शांति तथा सुरक्षा का माहौल बनाने का काम करते हैं और सरकार को उनके इस बलिदान का संज्ञान लेकर उनके परिवारों को उचित सहायता देनी चाहिए।
आयोग ने कहा कि आतंकवाद हमारे समाज में मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे बड़ा कारक है। यह मानवाधिकारों की रक्षा के संघर्ष के एकदम विपरीत है। उसने कहा कि निर्दोष व्यक्ति की मौत चाहे वह सुरक्षाकर्मी हो या असैनिक मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
मानवाधिकार के क्षेत्र का शीर्ष संस्थान होने के नाते आयोग सभी से अपील करता है कि वह इन घटनाओं की निंदा करे जो भाईचारे, विकास, शांति , प्रगति और समृद्धि के स्थान पर मौत तथा विध्वंस का कारण बनता है। आयोग ने कहा कि यदि कर्तव्य का निर्वहन न करने के लिए सुरक्षा बलों पर सवाल उठाया जाता है और उन्हें जवाबदेह बनाया जाता है तो हमें सुरक्षा बलों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों को भी जवाबदेह बनाना चाहिए।
संजीव
वार्ता