पटना, 26 सितम्बर (वार्ता) क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) के सचिव आदित्य वर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शनिवार को पत्र लिखकर बिहार के क्रिकेटरों की कोरोना महामारी के दौरान दुर्दशा के प्रति उनका ध्यान आकर्षित किया है।
आदित्य ने पत्र में लिखा, “बिहार में अभी चुनाव का महौल है लेकिन परिस्थिति ऐसी बन गयी है कि अपने राज्य के मुख्यमंत्री को बता देना अति आवश्यक है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा प्रायोजित विभिन्न प्रकार के जूनियर-सीनियर पुरूष और महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं में अपने राज्य बिहार क्रिकेट टीम में खेल चुके खिलाड़ियों का टीए-डीए और मैच फीस का भुगतान वर्तमान में क्रिकेट चलाने वाले बिहार क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों ने नहीं किया है जबकि बीसीसीआई ने करीब 10.80 करोड़ रुपये की राशि बिहार क्रिकेट संघ के खाता बैंक ऑफ इंडिया के सचिवालय शाखा में पिछले साल बिहार क्रिकेट के विकास एवं राज्य क्रिकेट टीम के ओर से खेल चुके खिलाड़ियों के लिए दी थी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार क्रिकेट संघ के आपसी झगड़े के कारण इन खिलाड़ियों का टीए-डीए तथा मैच फीस का भुगतान नहीं हुआ और पैसे का दुरूपयोग अधिकारियों द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी आपदा के समय बिहार के पुरुष एवं महिला क्रिकेट खिलाड़ियों को भुगतान नहीं किया जाना बेहद ही शर्मनाक है।
आदित्य ने साथ ही मुख्यमंत्री से कहा, “मैं आपका ध्यान पटना के मोईनुल हक स्टेडियम परिसर में स्थित कदम कुऑ थाना के सामने वाली जमीन की ओर दिलाना चाहता हूं कि एक खिलाड़ी अपने आपको आपका करीबी बताते हुए वर्षों पहले लीज समाप्त होने के बाद भी जमीन पर कब्जा जमा कर अपना क्रिकेट अकादमी चला कर हर महीने लाखों की कमाई कर रहा है। इस संदर्भ में मैंने कुछ माह पूर्व भी आपको, बिहार सरकार के खेल मंत्री, प्रधान सचिव खेल, स्टेडियम प्रबंधक तथा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के प्रमुख को पत्र लिख कर जांच करने के लिए आग्रह किया था लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मेरा आपसे आग्रह है कि इन मामलों में कार्रवाई की जाए।”
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