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आदिवासी की अंदेखी करना भाजपा को पडा भारी, केवल तीन सीटों पर करना पड़ा संतोष

झाबुआ, 13 दिसंबर (वार्ता) सत्ता में रहते मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आदिवासियों की अंदेखी करना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मंहगा पड़ा और उसे इस चुनाव में इन आदिवासी बाहुल्य 29 सीटों में से केवल तीन सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र झाबुआ और आलिराजपुर जिले के अलावा धार, बडवानी, खरगौन और खंडवा में भाजपा की बाजी पलटी। चुनाव से पूर्व ही यह चेतावनी दे दी गई थी कि आदिवासी क्षेत्रों की 29 सीटों पर भाजपा ने अगर अनदेखी की तो उसके हाथ से सत्ता की चाबी छिन जायेगी। साथ ही इन क्षेत्रों में भाजपा के परचम को फहराने वाले आदिवासियों के नेता एवं सांसद स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया की अनदेखी भी भाजपा के लिये हानिकारक रही है।
आदिवासियों ने झाबुआ जिले की तीन विधानसभा सीटों में से थांदला, पेटलाद तथा अलीराजपुर की दो विधानसभा सीटों में से आलिराजपुर और जोबट दोनों पर कांग्रेस को विजयी बनाया। सिर्फ झाबुआ सीट पर कांग्रेस के बागी जेवियर मेडा ने 32 हजार से अधिक वोट लेकर कांग्रेस का खेल बिगाड दिया। इसके चलते यहां से भाजपा के गुमानसिंह डामोर ने दस हजार से अधिक मतों से जीत दर्ज कर जिले में भाजपा की लाज बचा ली।
वहीं सांसद कांतिलाल भूरिया के डां. पुत्र विक्रांत भूरिया की हार ने यहां पर सांसद कांतिलाल भूरिया की नाव डूबा दी। भूरिया अपने पुत्र को जीताने में सफल नहीं हो सके। अलबता उनकी भतीजी कलावती भूरिया ने जोबट विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करवा कर सांसद को थोडी राहत जरूर प्रदान कर दी है। कलावती भूरिया झाबुआ जिला पंचायत की अध्यक्ष पिछले पन्द्रह सालों से है और इस बार वे विधायक बन गई हैं।
माना जा रहा है कि उनके राजनीतिक अनुभवों को देखते हुए प्रदेश के मंत्रिमंडल में उनको स्थान मिल सकता है। वहीं धार, बडवानी, खरगौन और खंडवा से भी भाजपा का सफाया हो गया, जिसके चलते अब कांग्रेस की सरकार को भी यह ध्यान रखना होगा की इन जिलों की अवेलहना नही की जाये, अन्यथा अभी आगे लोकसभा के चुनाव चार पांच महीनों बाद 2019 में होने वाले हैं, ऐसे में कांग्रेस को इन स्थानों पर अगर फिर लोकसभा में भी अपना परचम फहराना है तो उन्हे अभी से आदिवासियों का ध्यान रखना होगा।
झाबुआ जिले से थांदला से जीते विरसिंग भूरिया दूसरी बार विधायक बने हैं। वहीं पेटलावद से जीते वालसिंग मेडा भी दूसरी बार विधायक बने है, जबकि अलीराजपुर जिले से मुकेश पटेल और कलावती भूरिया दोनों पहली बार विधायक बने हैं। जबकि झाबुआ से भाजपा से जीते गुमानसिंह डामोर भी पहली बार ही विधायक बने है। इस तरह से इन आदिवासी जिलों से एक दम नया प्रतिनिधित्व चुनकर आया है।
सं बघेल
वार्ता
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