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आरक्षण के लिए विशेष आयोग बनाने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट का - सुशील

आरक्षण के लिए विशेष आयोग बनाने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट का - सुशील

पटना 07 अक्टूबर(वार्ता) बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछड़ों को स्थानीय निकाय चुनाव में राजनीतिक आरक्षण के लिए विशेष आयोग बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन श्री नीतीश कुमार की आरक्षण विरोधी नीयत के चलते न विशेष आयोग बना और न निकाय चुनाव में आरक्षण तय हुआ।

श्री मोदी ने शुक्रवार को यहां बयान जारी कर कहा कि यदि सर्वोच्च न्यायालय पिछड़ों को निकाय चुनाव में राजनीतिक आरक्षण देने के लिए विशेष आयोग बनाने का अपना निर्देश दोहराता है, तब भी क्या नीतीश सरकार आयोग का गठन नहीं करेगी । उन्होंने कहा कि आयोग बनाने और ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अतिपिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का सुझाव भाजपा का नहीं, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय का पूरे देश पर लागू होने वाला दिशा-निर्देश है।

भाजपा नेता ने कहा कि महाधिवक्ता (एजी) ने इस वर्ष 4 फरवरी और 12 मार्च को, दो बार राज्य सरकार को पत्र लिख कर विशेष आयोग (डेडीकेटेड कमीशन) बनाने का मंतव्य दिया था, लेकिन उसका पालन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि एजी ने तीसरी बार जो मंतव्य भेजा , वह किसके दबाव में बदला गया।

श्री मोदी ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश के निकाय चुनावों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण-संबंधी दिशा-निर्देश उद्धृत करते हुए कई बार पत्र लिख कर नीतीश सरकार की राय मांगी , लेकिन इस पर चुप्पी क्यों साध ली गई । उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि मतदान से सप्ताह भर पहले चुनाव पर रोक लगने और हजारों अतिपिछड़ा उम्मीदवारों के करोड़ों रुपये की क्षति के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को स्थगित निकाय चुनाव के प्रत्याशियों के नुकसान की क्षतिपूर्ति का प्रावधान करना चाहिए।

शिवा

वार्ता

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