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इटावा में धान खरीद योजना बनी सफेद हाथी,15 दिन नहीं हुई एक भी दाना खरीद

इटावा, 16 नवम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश सरकार की धान खरीद योजना अधिकारियो के लापरवाह रवैये के चलते सफेद हाथी साबित हो रही है। मूल्य समर्थन योजना के तहत जिले में धान खरीद केन्द्रों को खुले एक पखवाड़ा बीत चुका है मगर अधिकारियों के उदासीन रवैये के चलते किसान इन केन्द्रों का रूख करने में कतरा रहा है।
इटावा जिले में 32 खरीद केन्द्र एक नवम्बर को खोले जा चुके हैं। इन केन्द्रों पर 28 फरवरी तक 33 हजार 800 मीट्रिक टन का धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है मगर जिस तरह से केन्द्रों पर सन्नाटा है, उससे नहीं लगता कि जिले में धान खरीद का लक्ष्य समय पर पूरा हो सकेगा। पिछले वर्ष इस दौरान 14 दिनों में 350.96 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी थी ।
अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि धान खरीद के लिए 32 एजेन्सियों को अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं लेकिन अभी तक सभी का लक्ष्य शून्य है। धान खरीद न होने के पीछे एक कारण एक भी बताया गया है कि खाद एवं रसद विभाग की विपणन शाखा और पीसीएफ की पांच नवम्बर से हड़ताल चल रही थी। यह हड़ताल 13 नवम्बर को खत्म हुई है।
इसके बाद विपणन शाखा एवं पीसीएफ के केन्द्रों पर खरीद में तेजी आने से संभावना है क्योंकि धान खरीद का सबसे अधिक लक्ष्य इन्हीं दोनों को दिया गया है। भले ही खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा है लेकिन इसके बाद भी मंडी की आढ़तों पर काफी संख्या में किसान अपना धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं और आढ़तें धान से गुलजार है। भले ही प्रशासन लाख दावे करें कि बिचौलिए सक्रिय नहीं है लेकिन कहीं न कहीं बिचौलिए सक्रिय दिखाई दे रहे हैं।
उन्होने बताया कि यही कारण है कि किसान केन्द्रों पर न जाकर आढ़तों पर अपना धान बेचने के लिए पहुंच रहा है हालांकि केन्द्रों पर धान खरीद में कई नियम कानूनों से किसानों को गुजरना पड़ता है। सरकार ने इस बार 200 प्रति कुंतल की बढ़ोत्तरी न्यूनतम समर्थन मूल्य में की है, लेकिन इसके बाद भी किसान खरीद केन्द्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं और जो केन्द्र खुले हुए हैं उन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अब यह देखना है कि विपणन विभाग व पीसीएफ की हड़ताल खुलने के बाद खरीद में कितनी बढ़ोत्तरी होगी ।
सं प्रदीप
जारी वार्ता
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