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इसरो ने मछुआरों के साथ शुरू किया ‘नाविक’ रिसीवर का परीक्षण

इसरो ने मछुआरों के साथ शुरू किया ‘नाविक’ रिसीवर का परीक्षण

नयी दिल्ली 26 जून (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘नाविक’ मैसेज रिसीवर के परीक्षण के लिए 4468 मछुआरों को ये उपकरण दिये हैं।

अमेरिका के जीपीएस की तरह की भारतीय नेविगेशन प्रणाली को ‘नाविक’ (नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन) नाम दिया गया है। यह पिछले साल अप्रैल से ही काम करना शुरू कर चुका है, लेकिन इसका इस्तेमाल अभी सामरिक तथा अन्य राष्ट्रीय महत्व के कामों के लिए सीमित रखा गया था।

अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि केरल के 250, तमिलनाडु के 200, कर्नाटक के 10 और आँध्र प्रदेश के आठ मछुआरों को परीक्षण के लिए ‘नाविक’ मैसेजिंग रिसीवर दिये गये हैं। इसके माध्यम से उन्हें चक्रवात, ऊँची लहरों तथा सुनामी की अग्रिम चेतावनी दी जा सकती है। साथ ही उन्हें समुद्र में मछली की ज्यादा उपलब्धता वाले इलाकों और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की जानकारी भी मिल सकेगी।

एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में श्री सिंह ने कहा कि देश में 01 अप्रैल 2019 से पंजीकृत होने वाले सभी वाहनों पर ‘नाविक’ वाले ट्रैकर जरूरी कर दिये गये हैं। तीस से ज्यादा वाहन निर्माता कंपनियों ने ‘ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ और ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी’ द्वारा प्रमाणित ‘नाविक’ ट्रैकर लगाने शुरू कर दिये हैं।

नाविक का इस्तेमाल आने वाले समय में मोबाइल फोन में भी जीपीएस की जगह हो सकेगा।

 

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